देहरादून: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं. उत्तराखंड के चार मेडिकल कॉलेज अब सिर्फ कोरोना से संक्रमित मरीजों का ही इलाज करेंगे. कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया है कि जिन मरीजों का इलाज इन मेडिकल कॉलेजों में चल रहा है उन्हें प्रदेश के दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया जाएगा.


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AIIMS ऋषिकेश और आईआईपी में कोरोना संक्रमण की होगी जांच
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण बढ़ने की दशा में दो नए टेस्टिंग सेंटर में जल्दी ही टेस्ट शुरू होंगे. ऋषिकेश एम्स और आईआईपी में जल्द कोरोना संक्रमण की जांच होगी. बता दें कि ऋषिकेश एम्स में पहले ही इस दिशा में तैयारियां की जा रही थी. लेकिन मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में बताया गया कि भारत सरकार के प्रतिष्ठित संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम में भी मरीजों के टेस्ट किए जा सकेंगे. अभी तक हल्द्वानी के सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज और श्रीनगर गढ़वाल मेडिकल कॉलेज में ही कोरोना संक्रमण की जांच की सुविधा है. राज्य सरकार अब ज्यादा से ज्यादा टेस्ट कर समय पर बीमारी का पता लगाकर उसकी रोकथाम कर सकेगी.


सरकार ने समय पर उठा लिया है बड़ा कदम: मदन कौशिक
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री और प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश समय पर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की है. अभी सिर्फ हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में ही जांच की सुविधा थी, लेकिन अब दूसरे सेंटर्स में भी यह सुविधा उपलब्ध होने से समय पर रिपोर्ट मिल पाएगी. जिससे इलाज जल्दी शुरू हो पाएगा. कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने यह भी कहा कि राज्य सरकार की कोशिश इस खतरनाक बीमारी से बचाने के लिए हर जरूरी कदम उठाने की है. इसीलिए राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों को अगले आदेश तक सिर्फ कोरोना संक्रमित मरीजों के ही जांच करने के लिए फैसला लिया गया है.


उत्तराखंड में चार मरीजों का चल रहा है इलाज
उत्तराखंड में अभी कोरोना से संक्रमित चार मरीजों का इलाज देहरादून के मेडिकल कॉलेज में चल रहा है. इनमें से 3 ट्रेनी आईएफएस अधिकारी हैं जो स्पेन की यात्रा करके वापस लौटे हैं. इसके अलावा एक अमेरिकी नागरिक का टेस्ट भी पॉजिटिव आया है.


बाहरी राज्यों या विदेश से आने वालों पर नजर
राज्य सरकार की चिंता ये है कि जो भी व्यक्ति बाहरी राज्यों से या विदेश से उत्तराखंड में आया है वह संक्रमित ना हो. इसलिए पूरे प्रदेश में 31 मार्च तक लॉकडाउन किया गया है. हाल ही में दिल्ली और आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में लोग पहाड़ों में अपने घरों की ओर वापस लौटे हैं इसलिए सरकार चिंतित है कि कहीं ये बीमारी पहाड़ों में भी ना फैल जाए. अगर ऐसा होता है तो पहाड़ों में हालात ज्यादा खराब हो सकते हैं, क्योंकि वहां स्वास्थ्य सुविधाएं पहले से ही काफी कम है.


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