लोमस कुमार झा, लखनऊ: राजधानी लखनऊ स्थित माल क्षेत्र के सालेहनगर में रहने वाली एक सात साल की बच्ची सीएम योगी आदित्यनाथ को खड़ाऊं भेंट करने की ज़िद्द कर बैठी है. दरअसल खड़ाऊं भेट करने की ज़िद्द के पीछे उसके पिता की अंतिम इच्छा है. यह खड़ाऊँ सात साल की अंशिता उर्फ रिमझिम के पिता आनंद शर्मा ने खुद बनाई थी. नन्ही रिमझिम के पिता ने बात-बात में कभी उसको बताया था कि उन्होने खड़ाऊँ सूबे के मुख्यमंत्री और गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीस्वर योगी आदित्यनाथ को बतौर उपहार में देने के लिए बनाई हैं.


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इस संबंध में खुद आनंद ने सीएम से मिलने के लिए कई जतन भी किए पर वो एक बार भी सफल नहीं हो पाया. अपनी माँ को एक साल की अबोध उम्र में खो चुकी रिमझिम के ऊपर दुखों का पहाड़ उस वक़्त फिर से टूटा जब 5 नवम्बर, 2018 को उसके सिर से पिता का भी साया उठ गया. बिजलीकर्मी आनंद की करंट लगने से मौत हो गई.


रिमझिम को उसके नाना-नानी अपने साथ पास के अकबरपुर गाँव लेकर चले गए. अब रिमझिम सीएम योगी आदित्यनाथ को खड़ाऊँ भेंट कर अपने पिता की अंतिम इच्छा पूरी करना चाहती है. वह कहती है, ‘पापा ने जो खड़ाऊं बनाई थीं, उसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देना है.' अंशिका अभी पहली कक्षा में है. अंशिता पढ़ लिख कर डॉक्टर बनना चाहती है. अंशिता के नाना नानी बताते हैं कि अंशिता जिसको प्यार से रिमझिम भी घर में पुकारा जाता है, वह जिद कर बैठी है कि उसके पिता द्वारा बनाए गए खड़ाऊं को योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाना है.


पिता की मृत्यु के बाद पहले तो अंशिता कुछ दिन सदमे में रही. पहले उसने गांव की प्रधान शांति देवी और कोटेदार आशीष सिंह से अपनी इच्छा बताई. उन लोगों ने कोशिश तो की, लेकिन मुख्यमंत्री तक वो भी नहीं पंहुच पाये. ऐसे में  गांव की प्रधान और अंशिता की नानी ने मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर से मदद मांगी. अंशिता के नाना-नानी बताते हैं कि इसी 24 को मुख्यमंत्री ने उन्हें मिलने का समय दिया है.


ग्रामीणों ने बताया कि अंशिता के पिता आनंद शर्मा के लिए अपनी कारीगरी से खड़ाऊं बनाए थे. कई बार उन्होंने सीएम तक पहुंचने का प्रयास किया लेकिन हर बार निराशा हाथ लगी. अपनी बिटिया अंशिता उर्फ रिमझिम को वह आप बीती सुनाते रहते थे.