कोरोना संक्रमण से बचने के लिए गोण्डा के तरबगंज के रमापुर गांव की रहने वाली एक महिला जब अपने बच्चों के लिए मास्क खरीदने निकली तो वो ये जानकर हैरान रह गई कि कई दुकानदार उनकी कीमत से ज्यादा पैसे वसूल रहे हैं. उसके इलाके में कुछ ही दुकानों पर मास्क उपलब्ध था, लिहाजा उस महिला ने अपने और इलाके के बाकी लोगों के लिए एक ऐसा हल निकाला जो मिसाल बन गई.
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अंबिकेश्वर प्रताप पांडे /गोण्डा: कोरोना संक्रमण के खिलाफ एकजुट हो कर लड़ने की प्रधानमंत्री मोदी की अपील का देश के दूरदराज के इलाकों में रह रहे आम लोगों पर भी बड़ा असर पड़ा है. उत्तर प्रदेश के गोण्डा के रमापुर गांव में रहने वाली सरिता जायसवाल ने अपने इलाके में मास्क की कमी को देखते हुए खुद ही 100 से ज्यादा मास्क बनाए और उन्हें एक चौराहे पर लोगों के मुफ्त इस्तेमाल के लिए टंगवा दिया.
दरअसल, हुआ ये कि कोरोना संक्रमण के बारे में जानने के बाद सरिता अपने और अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए चिंतित हो गई. वो मास्क खरीदने बाजार में निकली तो ज्यादातर मेडिकल स्टोर्स पर मास्क नदारद पाया. कुछ दुकानों पर मास्क मिला तो उनकी कीमत बहुत ज्यादा थी. सरिता ने इस कालाबाजारी को हराने का संकल्प लिया और घर लौट आई.
उसने कुछ वीडियो पर मास्क बनाने का तरीका देखा. फिर खुद बाजार से कपड़ा खरीद लाई और अपने घर पर ही सिलाई मशीन से मास्क तैयार करना शुरू कर दिया. सरिता चाहती तो सिर्फ खुद के और अपने बच्चों के लिए ही मास्क बनाती लेकिन उसने इलाके के लोगों का भी ख्याल रखा. उसने एक बार में ही 100 से ज्यादा मास्क बनाए और उसे अपने गांव की बाजार में एक दीवार पर टँगवा दिया.
इसके बाद रमापुर के बहुत से लोगों ने उस मास्क का फायदा उठाया और पूरी कहानी जानने के बाद खुद भी ऐसा ही करने का वादा किया. ऐसे समय मे जब देश कोरोना महामारी से बचने की लड़ाई लड़ रहा है. सरिता जायसवाल जैसी महिलाएं इस लाइलाज बीमारी से बचाव के लिए समाज और देश के सामने कोरोना योद्धा बनकर सामने आई हैं.
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