नोएडा: पैसे नहीं रद्दी के बदले लें पौधे, नौकरी छोड़ इन्होंने शुरू किया नेचर के लिए काम
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नोएडा: पैसे नहीं रद्दी के बदले लें पौधे, नौकरी छोड़ इन्होंने शुरू किया नेचर के लिए काम

इस रद्दी को वो रीसायकल करने के लिए खुद पेपर मिल तक पहुंचाती हैं. सुधा की इस पहल ने काफी लोगों लुभाना शुरू कर दिया है. 

बढ़ते हुए प्रदूषण की वजह से सुधा ने ये कदम उठाना शुरू किया.

नोएडा, (यशस्विका): अगर आप दिल्ली से सटे नोएडा में रहते हैं और आपके घर में अखबार आता है, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है, क्योंकि अब आप घर में इकट्ठी हुई अखबार की रद्दी के बदले में पौधा पा सकते हैं. नोएडा की रहने वाली एक महिला ने नोएडा को हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त करने के लिए एक पहल की है. नोएडा की रहने वाली सुधा सिंह लोगों को अखबार की रद्दी या पुरानी रखी किताबों या कागजों कर बदले में उनके घर के लिए पौधा दे रही हैं. सुधा की इस पहल ने काफी लोगों लुभाना शुरू कर दिया है. 

  1. डेढ़ साल पहले छोड़ी थी नौकरी
  2. कई लोगों को भाई सुधा की मुहिम
  3. रद्दी को कराती हैं रीसायकल

नौकरी छोड़कर शुरू की पहल
जानकारी के मुताबिक, सुधा सिंह ने दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण, कटते पेड़ और बढ़ती आबादी को देखते हुए करीब डेढ़ साल पहले अपनी नौकरी छोड़ अपने शहर के लिए ये पहल शुरू की. शुरुआत में सुधा ने अपने पड़ोसियों से बात की और उनसे रद्दी इकठ्ठा शुरू कर उनके घर के लिए उन्हें पौधा देना शुरु किया और अब वो नोएडा में तकरीबन हर घर से रद्दी इकठ्ठी करती हैं और उसके बदले में उन्हें उनका पसंदीदा पौधा उन्हें दे देती हैं.

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सुधा की पहल से लोग खुश 
सुधा के इस काम से नोएडा के नागरिक खासकर महिलाएं काफी खुश हैं. लोगों का कहना है कि घर में पौधों के लगाने के बाद घर में एक सकारात्मक ऊर्जा महसूस होती है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि वो हरियाली नहीं होने की वजह से घर और आस-पास का इलाका काफी बंजर सा लगता था, लेकिन रद्दी के बदले में पौधे लेकर उन्होंने अपने घर को हरा भरा बना लिया है.

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रद्दी को करती हैं रीसायकल
सुधा ने बताया कि इस रद्दी को वो रीसायकल करने के लिए खुद पेपर मिल तक पहुंचाती हैं. उन्होंने कहा कि प्रकृति हमें क्या नहीं देती उसकी सुरक्षा के लिए हम कुछ करें. इसलिए वो ये काम कर रही हैं. 

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