लखनऊ: लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद जहां एक ओर पूरे विपक्ष में समीक्षा का दौर जारी है, वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मंथन के मूड में नहीं है. नतीजे के बाद बसपा मुखिया मायावती ने एक प्रेसवार्ता में हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ दिया और इसके बाद वे शांत हो गईं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

समीक्षा में समय जाया नहीं करना चाहती BSP
वहीं बसपा के सूत्र बताते हैं कि मायावती हाल फिलहाल संगठन में कुछ खास बदलाव और समीक्षा में अपना समय जाया नहीं करना चाह रही हैं. उन्होंने मंगलवार को दिल्ली में अपने जीते हुए सभी 10 नवनिर्वाचित सांसदों के साथ बैठक की. उन्होंने आगे की रणनीति पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन जारी रहेगा. 



गठबंधन से सपा को नुकसान
बसपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि गठबंधन से सपा को नुकसान और बसपा को फायदा हुआ है, इसीलिए वह मंथन नहीं कर रही हैं. मायावती संसद में शून्य से 10 पर पहुंच गई हैं. इसके अलावा बसपा के वोट प्रतिशत में भी बढ़ोतरी देखी गई है. इसीलिए उन्होंने समीक्षा की कोई जरूरत नहीं समझी. उन्होंने कहा कि वह अभी कुछ दिन शांत रहकर नई सरकार के कामकाज को देखने के बाद आगे की रणनीति बनाएंगी. 


सपा में जारी है समीक्षाओं का दौर
उधर बसपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ी समाजवादी पार्टी (सपा) में समीक्षाओं का दौर जारी है. सोमवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर पार्टी नेताओं की बैठक ली. बैठक में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी मौजूद रहे. हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में प्रदेश में बसपा और सपा ने गठबन्धन करके चुनाव लड़ा था. बसपा ने 38 और सपा ने 37 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. जिसमें बसपा को 10 और सपा को 5 सीटों पर ही सफलता मिली है.


इनपुटः आईएएनएस