Agra: जम्मू कश्मीर के राजौरी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में यूपी के दो और उत्‍तराखंड का एक लाल शहीद हो गया. इसमें आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता, अलीगढ़ के सचिन और नैनीताल के संजय बिष्‍ट शामिल हैं. शुभम आगरा के डीजीसी क्राइम बसंत कुमार गुप्ता के बेटे थे. शहीद होने की खबर जैसे ही शुभम के घर पहुंची, वैसे ही परिवार में कोहराम मच गया. परिवार के सदस्य अपने बेटे शुभम गुप्ता के पार्थिव शरीर के घर आने का इंतजार कर रहे हैं. कैप्टन शुभम गुप्ता को सेना की वर्दी पहनने का बचपन से ही जुनून रहा. अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा रहा. डीसीजी क्राइम बसंत गुप्ता के घर पर पड़ोसी, परिचित और रिश्तेदारों का तांता लगा हुआ है. वहीं, अलीगढ़ के रहने वाले सचिन भी आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए. सचिन की शादी 8 दिसंबर को होने वाली थी. सचिन के परिवार में बड़े भाई के अलावा माता-पिता हैं. सचिन का पार्थिव शरीर कल टप्पल थाना इलाके के गोलोरा गांव लाया जाएगा. 


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जम्मू कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़
जम्मू कश्मीर के राजौरी में बुधवार दोपहर से जारी आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के दो कैप्टन समेत 4 सैन्यकर्मी शहीद हो गए. स्वजन को शाम करीब 5  बजे कैप्टन शुभम गुप्ता केशहीद होने की खबर मिलने के बाद सेना और पुलिस-प्रशासन के अधिकारी कैप्टन शुभम गुप्ता के ताजगंज के प्रतीक एन्क्लेव स्थित उनके घर पहुंचे. इस मुठभेड़ में मेजर समेत दो जवान घायल हुए. शहीद होने वालों में आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता भी शामिल हैं. एक तरफ उनके घरवाले शादी की तैयारियों में लगे थे, तो दूसरी तरफ उनकी शहादत की खबर से परिवार समेत पूरे गांव में मातम छा गया.


छह महीने पहले आए थे घर
शुभम ने अपने परिवार के साथ आखिरी बार दीपावली पर वीडियो कॉल से बात की थी. वीडियो काल पर उन्होंने माता-पिता और छोटे भाई समेत परिवार के सभी लोगों से बात की. अगली छुट्टियों पर घर आने का वादा किया था. शुभम छह महीने पहले गर्मियों की छुट्टियों में अपने घर आए थे. परिवार को शुभम गुप्ता के बलिदान की सूचना शाम करीब 5 बजे उनकी यूनिट के द्वारा मिली. परिवार ने शुभम की मां पुष्पा गुप्ता को सूचना कुछ देर बाद दी. 


शुरू से था सेना की वर्दी पहनने का जुनून
बता दें कि ताजनगरी निवासी बसंत गुप्ता डीसीजी क्राइम है. ताजगंज के बसई चौकी स्थित प्रतीक एंक्लेव में रहने वाले जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) फौजदारी बसंत गुप्ता के दो बेटों में 26 वर्षीय शुभम गुप्ता बड़े थे. शुभम की स्कूली शिक्षा सेंट जार्जेज कॉलेज से हुई. 12वीं के बाद वह सेना भर्ती की परीक्षा में शामिल हुए. साल 2017 में बतौर लेफ्टीनेंट पास आउट करने के बाद उनकी तैनाती जम्मू में हुई. उनकाचयन 2015 में आर्मी में हुआ. कैप्टन शुभम गुप्ता को 2018 में कमीशन मिला. उनको को सेना की वर्दी पहनने का बचपन से ही जुनून रहा. अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा रहा.  परिवार के लोग भी उनके इस जुनून को जानते थे.  देश के प्रति उनका जज्बा अदभुत था. शहीद कैप्टन शुभम को शुरू से ही देश और सेना को लेकर एक अलग ही जुनून था. शुभम को बचपन से वर्दी बहुत पसंद थी. 


नैनीताल के संजय बिष्ट भी राजौरी मुठभेड़ में  शहीद
नैनीताल के संजय बिष्ट राजौरी में शहीद हुए. संजय बिष्ट 19 कुमाऊं 9 पैरा में तैनात थे. जम्मू-कश्मीर में बुधवार शाम से राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ चल रही थी. शहीद संजय बिष्ट रामगढ़ के हली गांव के रहने वाले थे .


सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने कर दी थी गोलीबारी
बता दें कि राजौरी में बुधवार को आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए थे. जम्मू कश्मीर के धर्मसाल के बाजीमाल इलाके में 2 आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. जिस पर सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया. सर्च ऑपरेशन के दौरान ही जंगल में छिपे आतंकियों ने पुलिस और सेना की टीम पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी.  गोलीबारी में दो अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए जिसमें ही कैप्टन शुभम गुप्ता शामिल थे.


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जम्मू कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता को श्रद्धांजलि दी है. साथ ही शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की.उन्होंने शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और जिले की एक सड़क का नाम शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता के नाम पर करने का ऐलान भी किया.


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