Mathura News: अपने परिवार से दूर कई वर्षों से बृज में रहकर अपना जीवन ठाकुर जी को समर्पित कर देनी वाली विधवा माताओं की आंखें नम हैं. वो अपनों की याद में लिपट कर रोने लगी.
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Mathura News: होली की धूम हर जगह मची हुई है. और उत्तर प्रदेश की पावन नगरी मथुरा में जोरशोर से होली की शुरुआत हो चुकी है. इन दिनों पूरा बृज होली के रंगों में रंगा हुआ है. बृज की हर गलियां आपको गुलाल रंग और फूलों से अटी हुई मिलेंगी. हो भी क्यों न होली तो बृज की खास है. लेकिन इस रंग भरे त्योहार में कुछ माताएं आज भी अपने कोमल ह्र्दय पर सफेद चादर लपेटे हुए हैं. इनके लिए इन रंगों का महत्व आज भी फीका है.
भावुक कर देंगे इन माताओं के आंसू
जहां एक और फूलों की होली में सभी झूम रहे हैं. वहीं दूसरी ओर अपने परिवार से दूर कई वर्षों से बृज में रहकर अपना जीवन ठाकुर जी को समर्पित कर देनी वाली विधवा माताओं के आंख के आंसू परिवार को याद करके निकल गए. और वह लिपट कर रोने लगीं. अपने परिवार द्वारा घर से निकाली गई इन महिलाओ की संख्या मथुरा वृंदावन में सैकड़ों की है. जिनके परिवार के लोगो ने इनसे बात-चीत करना, मिलना-झुलना छोड़ दिया है. अब यह सिर्फ राधा और कृष्ण को ही अपना परिवार मान चुकी है.
कम उम्र में ही वृद्ध आश्रम भेज दिया गया था
कुछ महिलाओं की शादी कम उम्र में करवा दी गई थी. इसके बाद छोटे पन से ही वे वृद्ध आश्रम में रह रही हैं. अब सभी माताओं व महिलाओं ने राधा-कृष्ण को ही अपना परिवार मान एक साथ जीवन जीना सीख लिया है. लेकिन कभी-कभी अपने परिवार की याद उन्हें बेहद सताती है. लेकिन वे इन सब के बावजूद भी उनसे मिल नहीं सकती न कभी कोशिश करती, ना ही उनके घर वाले उनसे मिलने की चाह रखते.