Ajab Gajab News: चोरी की मिलती है ट्रेनिंग, मास्टर चोरों की लगती है बोली, जानें कहां हैं यूपी में ऐसा अजीबोगरीब गांव
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Ajab Gajab News: चोरी की मिलती है ट्रेनिंग, मास्टर चोरों की लगती है बोली, जानें कहां हैं यूपी में ऐसा अजीबोगरीब गांव

UP Ajab Gajab News: चोरियां तो हर जगह होती हैं कहीं रामराज नहीं है लेकिन आपको जानकारी हैरानी होगी कि उत्तर प्रदेश के एक जिले में ऐस कई गांव हैं जहां बच्चों को दस साल की उम्र से ही चोरी की ट्रेनिंग दी जाती है और जब चोरी-चकारी में बच्चे मास्टर हो जाते हैं तो मां-बाप उनकी बोली लगाते हैं. 

Ajab Gajab News: चोरी की मिलती है ट्रेनिंग, मास्टर चोरों की लगती है बोली, जानें कहां हैं यूपी में ऐसा अजीबोगरीब गांव

मऊ/प्रकाश पाण्डेय: राम राज्य तो अब शायद ही धरती पर कहीं होगा, लेकिन क्या आप सोच सकती है उत्तर प्रदेश के एक जिले में ऐसे कई गांव हैं जहां के लोगों को मुख्य पेशा केवल चोरी है. यहां बाकयदा चोरी की ट्रेनिंग दी जाती है और जब ट्रेंड हो जाते हैं तो ट्रेंच चोरों की बोली लगती है. यह गजब जानकारी तब खुलकर सामने आई जब मऊ में मोबाइल चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही थी, जिससे पुलिस महकमा भी सख्ते में आ गया. 

सबसे बड़ी बात यह रही कि चोरी होने के बाद ईएमआई नंबर को सर्विसलांस पर लगाने के बावजूद भी मोबाइल ट्रेस नहीं हो पा रहे थे. जो पुलिस विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था. मोबाइल चोरी की हो रही लगातार घटना के मद्देनजर पुलिस अधीक्षक इलामारन ने एक टीम गठित कर इसकी जांच शुरू कराई, जिसके बाद लगातार मोबाइल चोरी की घटनाओं की पुलिस मानिटरिंग कर रही थी. 

चोरी का सुराग मिलने पर पुलिस ने झारखंड प्रदेश के ज़िला साबहगं,थाना तालझारी के महराजपुर निवासी तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर मोबाइल चोरी गिरोह का पर्दाफाश किया है. 

बांग्लादेश में बेचे जाते हैं चोरी के मोबाइल
चोरों के अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सीओ सिटी अंजनी कुमार पांडेय ने बताया कि यह लोग मऊ और आसपास के जनपदों में मोबाइल चोरी का काम करते थे. इसके बाद चोरी के मोबाइल को यह लोग बांग्लादेश की सीमा पर एक जगह मोबाइल का लॉक तोड़वाते थे और वहां से इनके गिरोह के सदस्यों द्वारा चोरी के मोबाइल को बांग्लादेश पहुंचा दिया जाता था, जिसके कारण मोबाइल का ईएमआई नंबर ट्रेस नहीं हो पाता था. 

मंहगे मोबाइल को ये लोग आधे और तिहाई दाम पर बेच देते थे. पहले भी इस गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी की गई थी और इनमें से दो व्यक्तियों गोलकिया और छोटू कुमार के ऊपर 50 हजार का ईनाम था. गिरफ्तार किए गए शेखर और महतो पर संबंधित धारा में मुकदमा दर्ज कर इनके ऊपर विधिक कार्रवाई करते हुए न्यायालय में पेश किया जाएगा. 

चोरों का निकलता है टेंडर
मोबाइल चोर गिरोह का पर्दाफाश करने में एसपी द्वारा गठित टीम में एसओजी प्रभारी मनोज कुमार सिंह और सर्विलांस प्रभारी प्रमोद सिंह के साथ‌ इस मामले का नेतृत्व कर रहे कोतवाल मऊ सदर अनिल सिंह ने बताया कि इन चोरों की गिरफ्तारी के लिए इनके गांव जाने पर पता चला कि इनके गांव में चोरों का टेंडर होता है जो जितना सफाई से चोरी करता है उसकी बोली उतना ज्यादा लगती है

10 साल की उम्र से ट्रेनिंग शुरू
सबसे बड़ी बात इस गांव के बच्चो को पढ़ने के लिए स्कूल नहीं बल्कि 10 साल की अवस्था से चोरी की ट्रेनिंग दी जाती है.  जब बच्चा चोरी करने में पारंगत हो जाता है तो उसके परिवार वालों से चोरों का सरदार बोली लगवाता है. इस चोर गिरोह के खुलासे में पता चला कि एक चोर की बोली कम से कम 30 हजार रूपए महीना लगाकर उनको सरदार द्वारा बताई गई जगह पर काम करना होता है. 

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