अखिलेश ने राफेल फाइल चोरी और सांसद विधायक मारपीट पर BJP पर निशाना साधा
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अखिलेश ने राफेल फाइल चोरी और सांसद विधायक मारपीट पर BJP पर निशाना साधा

मायावती ने भी गोपनीय दस्तावेजों के गायब हो जाने की खबर को अति-दुर्भाग्यपूर्ण, अति-शर्मनाक और अति-गैर जिम्मेदाराना बताया है. 

फाइल फोटो

लखनऊः समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने राफेल फाइल चोरी और सांसद विधायक के बीच मारपीट को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है . अखिलेश ने ट्वीट किया 'अब सत्ताधारी कह रहे हैं कि राफेल की फाइल चोरी हो गयी, पहले माफ़ी मांगी कोर्ट में व्याकरण पर फिर शर्मिंदा हुए भाजपा के सांसद-विधायक जी के जूते के आचरण पर.' उन्होंने कहा, 'भाजपा का कार्यकर्ता अपने नेताओं से पूछ रहा है क्या यही मुद्दे लेकर जनता के बीच जाएंगे, जनता को भला हम क्या मुंह दिखाएंगे .'

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने भी रक्षा मंत्रालय से राफेल सौदे के अहम और गोपनीय दस्तावेजों के गायब हो जाने की खबर को अति-दुर्भाग्यपूर्ण, अति-शर्मनाक और अति-गैर जिम्मेदाराना बताया है. मायावती ने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई के दौरान यह सनसनीखेज रहस्योद्घाटन करने से पहले नरेन्द्र मोदी सरकार को देश से माफी मांगनी चाहिए थी कि देशहित और देश सुरक्षा के मामले में वह विफल साबित हुई है.'

रक्षा मंत्रालय से राफेल डील के दस्तावेज गायब होने संबंधी खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मायावती ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि 'देश की सुरक्षा के साथ इस प्रकार का गंभीर और घातक खिलवाड़ नरेन्द्र मोदी सरकार में ही मुमकिन हो पाया है और अगर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई नहीं हो रही होती तो शायद देश को कभी यह पता ही नहीं चल पाता कि ऐसी गम्भीर घटना केन्द्र सरकार की नाक के नीचे हुई है.' 

उन्होंने कहा,‘‘यह सरकार को पूरी तरह से शर्मिन्दा करने वाली अति-गम्भीर घटना है जो देश की 130 करोड़ आम जनता को चिन्तित कर रही है और अब खासकर लोकसभा चुनाव के समय में वे यह सोचने पर मजबूर हैं कि क्या वाकई देशहित और देश की सुरक्षा सुरक्षित और मजबूत हाथों में है जैसा कि दावा किया जा रहा है?' 

बसपा प्रमुख ने कहा कि राफेल विमान सौदे के संबंध में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जाँच कराने की विपक्ष की मांग को बीजेपी संसद के भीतर और बाहर भी लगातार ठुकराती रही है, इसलिए अब नई बदली हुई परिस्थिति में सुप्रीम कोर्ट को अपनी निगरानी में समुचित जांच अवश्य करानी चाहिए ताकि देश को संतुष्टि मिल सके वरना देश सुरक्षा के मामले में भी आम जनता को गंभीर आशंका बनी रहेगी.'
(इनपुट भाषा)

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