इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने जेल में बंद प्रोफेसर को किया संस्पेंड, छिपाई थी मरकज में शामिल होने की जानकारी
खुद मोहम्मद शाहिद भी दिल्ली में हुए धार्मिक जलसे में शामिल हुए थे और इसकी जानकारी प्रशासन को नहीं दी थी. वह इस दौरान यूनिवर्सिटी भी गए और छात्रों के संपर्क में भी आए थे. मोहम्मद शाहिद की कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई थी.
मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद को सस्पेंड कर दिया है. इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पीआरओ शैलेंद्र मिश्रा ने इसकी पुष्टि की है. मोहम्मद शाहिद पर दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में हुए तबलीगी जमात के जलसे में शामिल होकर लौटे विदेशियों को छिपाने और उनकी जानकारी प्रशासन को नहीं देने का आरोप है.
खुद मोहम्मद शाहिद भी दिल्ली में हुए धार्मिक जलसे में शामिल हुए थे और इसकी जानकारी प्रशासन को नहीं दी थी. वह इस दौरान यूनिवर्सिटी भी गए और छात्रों के संपर्क में भी आए थे. मोहम्मद शाहिद की कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. बीते 21 अप्रैल को प्रयागराज की शिवकुटी पुलिस ने प्रोफेसर शाहिद पर एपिडेमिक एक्ट (महामारी रोग अधिनियम 1897) समेत आईपीसी की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था.
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जेल भेजे जाने की वजह से ही इलाहाबाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई की है. शैलेंद्र मिश्रा के मुताबिक यूनिवर्सिटी से जुड़े किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद नियमानुसार 48 घंटे के भीतर उस पर कार्रवाई का प्रावधान है. इसी प्रावधान के तहत प्रोफेसर मोहम्मद शाहित पर भी कार्रवाई की गई है. इलाहाबाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने पुलिस रिपोर्ट के आधार पर प्रोफेसर को सस्पेंड करने का आदेश दिया था.
मोहम्मद शाहिद पर आरोप है कि उन्होंने मरकज में खुद के शामिल होने की जानकारी छिपाने के साथ ही सात इंडोनेशियाई जमातियों को प्रयागराज की एक मस्जिद में ठहराया था. ये सभी इंडोनेशियाई नागरिक भी दिल्ली मरकज के जलसे में शामिल हुए थे. प्रोफेसर समेत इन इंडोनेशियाई नागरिकों की क्वॉरंटीन अवधि पूरी होने के बाद पुलिस ने इन्हें 20 अप्रैल को गिरफ्तार किया था.
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पुलिस ने 21 अप्रैल को प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद, 16 विदेशी जमातियों और 13 अन्य लोगों को खुल्दाबाद थाने में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया था. मजिस्ट्रेट ने प्रोफेसर और विदेशी तबलीगी जमातियों समेत सभी 30 लोगों जेल भेज दिया था. प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद और विदेशी जमातियों को प्रयागराज के गौहनिया स्थित ग्रीन वैली स्कूल में बनाई गई अस्थाई जेल में रखा गया है.
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