हाईकोर्ट के आदेश पर 87 टीचरों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा, फर्जीवाड़ा कर हासिल की थी नौकरी
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हाईकोर्ट के आदेश पर 87 टीचरों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा, फर्जीवाड़ा कर हासिल की थी नौकरी

68500 सहायक अध्यापक भर्ती शुरु से ही विवादों में रही थी. इस भर्ती का रिजल्ट घोषित होने के बाद कुछ फेल अभ्यर्थियों को अंतिम चयन सूची में शामिल करने का आरोप लगा था.

परीक्षा में हुई धांधली को लेकर तत्कालीन परीक्षा नियामक प्राधिकारी सुत्ता सिंह को आठ सितम्बर 2018 को शासन ने निलम्बित कर दिया था. (प्रतीकात्मक फोटो)

प्रयागराज: 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में फर्जीवाड़े से नौकरी हासिल करने वाले बर्खास्त शिक्षकों के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हो गया है. हाईकोर्ट के आदेश पर कुल 87 लोगों के खिलाफ कर्नलगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. रजिस्ट्रार परीक्षा नियामक प्राधिकारी राजशेखर की तहरीर पर 49 बर्खास्त सहायक अध्यापकों और 38 शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इन शिक्षकों पर आरोप है कि कॉपियों के जांचने के बाद अंक पत्र में ज्यादा नम्बर उन्होंने चढ़ा दिए थे, जिससे फेल अभ्यर्थी गलत तरीके से चयनित कर लिये गए थे.

गौरतलब है कि 68500 सहायक अध्यापक भर्ती शुरु से ही विवादों में रही थी. इस भर्ती का रिजल्ट घोषित होने के बाद कुछ फेल अभ्यर्थियों को अंतिम चयन सूची में शामिल करने का आरोप लगा था. इन आरोपों पर शासन के निर्देश पर बनायी गई जांच कमेटी से जांच करायी गई. जिसमें आरोप सही पाये जाने पर 49 शिक्षकों की सेवायें समाप्त कर दी गई थीं. इन शिक्षकों ने अपने बर्खास्तगी आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने बर्खास्त शिक्षकों की अर्जी पर सुनवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया था.

बता दें कि 68500 सहायक अध्यापक भर्ती शुरु से ही विवादों में रही थी. परीक्षा में हुई धांधली को लेकर जहां तत्कालीन परीक्षा नियामक प्राधिकारी सुत्ता सिंह को आठ सितम्बर 2018 को शासन ने निलम्बित कर दिया था. वहीं, इस मामले में दो अन्य अफसरों पर भी गाज गिरी थी. इस मामले में रजिस्ट्रार विभागीय परीक्षा जीवेन्द्र सिंह और डिप्टी रजिस्ट्रार प्रेमचन्द्र कुशवाहा को भी निलम्बित किया गया था.

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