इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उम्मीद जताई है कि भूमि पूजन के दौरान राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से कोविड गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित किया जाएगा.
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मो. गुफरान/प्रयागराज: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को प्रस्तावित भूमि पूजन (Ayodhya Ram Mandir Bhoomi Pujan) पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने खारिज कर दिया है.चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस एसडी सिंह की कोर्ट ने याचिका में कोई ठोस आधार नहीं पाया और इसे खारिज कर दिया.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पिटिशन में उठाए गए बिंदु सिर्फ कल्पनाओं पर आधारित हैं. जो आशंकाएं जताई गईं हैं, वे आधारहीन हैं. कोर्ट ने उम्मीद जताई है कि भूमि पूजन के दौरान राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से कोविड गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित किया जाएगा.आपको बता दें कि साकेत गोखले (Skaet Gokhle) ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को लेटर पिटीशन भेजकर 5 अगस्त को अयोध्या में होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की थी.
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साकेत गोखले ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर को भेजे गए अपने लेटर पिटिशन में कहा था कि 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम का आयोजन करना कोविड-19 के अनलॉक-2 की गाइडलाइन का उल्लंघन होगा. भूमि पूजन में तीन सौ लोग इकट्ठा होंगे जो कि कोविड के नियमों के खिलाफ होगा.
उन्होंने अपने लेटर पिटिशन में कहा था कि भूमि पूजन का कार्यक्रम होने से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ेगा. पिटिशन में ये भी कहा गया था कि उत्तर प्रदेश सरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गईं गाइडलाइंस में छूट नहीं दे सकती है. आपको बता दें कि साकेत गोखले एक सोशल एक्टिविस्ट हैं और कई विदेशी अखबारों के लिए काम कर चुके हैं.
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