प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट से एक बड़ी खबर सामने आई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जौनपुर में अमृत सरोवर निर्माण में अधिकारियों के भ्रष्टाचार की जांच में देरी पर नाराजगी जताई है. हाईकोर्ट ने कहा है कि अधिकारियों की जांच में देरी होने से विभागीय कार्य बुरी तरह से प्रभावित होता है. बताया जा रहा है, अमृत सरोवर निर्माण के नाम पर 15 लाख 57 हजार से ज्यादा का घपला हुआ है. इसमे आरोपियों के खिलाफ कोर्ट ने जल्द जांच पूरी करने के सख्त निर्देश दिए है.


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गाइडलाइन बनाने का सख्त निर्देश
कोर्ट ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी गठित करने का निर्देश दिया. यहां हाई पावर कमेटी को 6 महीने के अंदर भ्रष्टाचार मामलों की पूरी जांच कर गाइडलाइन बनाने का सख्त निर्देश दिया है. कोर्ट ने सरकारी अधिकारियों पर दर्ज मामलों की निष्पक्ष और त्वरित जांच में विफल पुलिस वालों पर भी कार्रवाई का निर्देश दिए है.


कब दर्ज कराई एफआईआर 
कोर्ट ने कहा भ्रष्टाचार मामलों की जांच में कोताही बरतने वाले पुलिस वालों को कुछ समय के लिए थाना और चौकी का प्रभार नहीं दिया जाएगा.  साथ ही कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच की समय सीमा तय न होने से कानून का शासन कमजोर होता है. जौनपुर के प्यारेपुर गांव के प्रधान, ग्राम सचिव, मनरेगा के सहायक कार्यक्रम अधिकारी, लेखाकार और रोजगार सेवक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. बता दें, अगस्त 2023 में सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. 


अधिकारियों पर घपले का आरोप
अमृत सरोवर निर्माण के नाम पर 15 लाख 57 हजार से ज्यादा के घपले का आरोप है. एफआईआर रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग को लेकर आरोपी हाईकोर्ट पहुंचे थे. कोर्ट ने आरोपियों की याचिका खारिज करते हुए जांच जल्द पूरी करने का निर्देश दे दिया है.


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