Atiq Ahmed Murder Case: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के हत्यारोपियों से अब प्रतापगढ़ जेल में पूछताछ की जाएगी. इसके लिए मामले की जांच कर रहे पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है.
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प्रयागराज: माफिया अतीक और अशरफ हत्याकांड से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. प्रतापगढ़ जेल में बंद शूटर्स से एसआईटी की टीम पूछताछ करेगी. इसके लिए सीजेएम कोर्ट से जेल में पूछताछ के लिए अनुमति मिल गई है. जरूरी विधिक प्रक्रिया अपनाने के बाद प्रतापगढ़ जेल जाकर एसआईटी पूछताछ करेगी. माफिया ब्रदर्स के तीनों हत्यारोपी प्रतापगढ़ के जिला कारागार में बंद हैं.
इन सवालों को लेकर पूछताछ करेगी टीम
एसआईटी की टीम जेल जाकर हत्याकांड के अनसुलझे सवालों को लेकर आरोपियों से पूछताछ करेगी जैसे- शूटर सनी सिंह को जिगाना पिस्टल कहां से मिली? माफिया ब्रदर्स की हत्या के लिए शूटर्स को किसने तैयार किया? मोबाइल इस्तेमाल नहीं करने के बावजूद तीनों एक-दूसरे के संपर्क में कैसे है? इसके अलावा शूटर सनी सिंह के गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से प्रभावित होने की वजह भी तलाशेगी.
जून के अंतिम सप्ताह में दाखिल होगी चार्जशीट
माफिया ब्रदर्स के हत्यारोपियों शूटर सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य के खिलाफ जून के अंतिम सप्ताह में चार्जशीट दाखिल होगी. हत्याकांड में इस्तेमाल असलहों की फोरेंसिक जांच को आधार बनाया जा रहा है. एसआईटी शूटर सनी सिंह को ही मुख्य सूत्रधार मानकर चल रही है. उसे ही माफिया ब्रदर्स हत्याकांड की साजिश रचने का मुख्य आरोपी माना जा रहा है. सनी सिंह पर ही माफिया ब्रदर्स की हत्या के लिए लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य को तैयार करने आरोप का है. गौरतलब है कि 15 अप्रैल को माफिया अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या हुई थी. पुलिस की पूछताछ में शूटर सनी सिंह ने हत्याकांड के जरिए खुद को बड़ा अपराधी बनने की बात कही थी.
शाइस्ता परवीन को ढूंढने में नाकाम पुलिस और STF
वहीं, माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन की फरारी के तीन महीने बीत गए हैं, लेकिन पुलिस और एसटीएफ की टीम उसे ढूंढने में नाकाम है. अतीक और अशरफ की हत्या के साथ ही बेटे असद का एनकाउंटर भी हो चुका है. शाइस्ता तीनों की मिट्टी में भी शामिल होने नहीं आई. शाइस्ता परवीन उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी है. पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार का इनाम घोषित किया है. शाइस्ता की गिरफ्तारी के लिए प्रदेश के कई जनपदों में छापेमारी हुई. इसके बावजूद वह पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सकी है. शाइस्ता परवीन पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए चुनौती बनी हुई है.
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