कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की जिला अदालतों अधिकरणों और पारिवार न्यायालयों के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं
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प्रयागराज: कोरोना संक्रमण के प्रकोप को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की जिला अदालतों, अधिकरणों और परिवार न्यायालयों के लिए नई गाइड़लाइन जारी की है. इसके तहत मुकद्मों की सुनवाई अब सिर्फ वर्चुअल मोड से ही होगी. भौतिक रूप से किसी मुकद्मे की सुनवाई नहीं होगी.
अदालत परिसर में प्रवेश पर रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वकीलों और वादकारियों, स्टांप वेंडर और एडवोकेट क्लर्क के अदालत परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने पूर्व में जारी गाइडलाइंस में संशोधन कर दिया है.
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रोटेशन के आधार पर लगेगी ड्यूटी
हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि सिर्फ नए मामले, जमानत और अग्रमि जमानत,रिमांड व अति जरूरी मुकद्मे ही सुने जाएंगे. इसके लिए एक या दो से ज्यादा न्यायिक अधिकारियों की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी. रोटेशन के आधार पर ड्यूटी लगाई जाएगी. कर्मचारियों की ड्यूटी भी रोटेशन के आधार पर लगाई जाएगी. वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए जिला न्यायालय अथवा न्यायिक अधिकारी के आवास से सुने जाएंगे.
पूर्व में जारी गाइड लाइन लागू रहेगी
शेष मामलों के लिए पूर्व में जारी गाइड लाइन लागू रहेगी. इससे पूर्व हाईकोर्ट ने वर्चुअल और फिजिकल मोड से मुकदमों की सुनवाई की अनुमति दी थी. मगर संक्रमण की बढ़ती दर को देखते हुए इस आदेश को संशोधित कर दिया गया है.
प्रधान पीठ प्रयागराज में केसों की केवल वर्चुअल सुनवाई
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ प्रयागराज में केसों की केवल वर्चुअल सुनवाई होगी. मंगलवार 27 अप्रैल से मुकदमों का दाखिला भी ऑनलाइन ही किया जाएगा. शारीरिक रूप से उपस्थित होकर केसों का दाखिला नहीं होगा.
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