लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद करीब 11,000 कैदियों को 8 सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर तत्काल रिहा किया जाएगा. इसमें 8500 विचाराधीन और 2500 सिद्धदोष कैदी शामिल हैं. कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखकर प्रदेश के कारागारों में भीड़ कम करने के लिए यह फैसला लिया गया है. इन सभी कैदियों को 8 सप्ताह तक अंतरिम जमानत मिलेगी. 


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शनिवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उत्तर प्रदेश विधिक सेवा और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी व डीजी जेल आनंद कुमार की बैठक हुई. इसके बाद यह निर्णय​ लिया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि पैरोल सामान्य प्रक्रिया के तहत दिया जाएगा और जमानत के लिए जिला जज संबंधित जेलों में जाकर यह बेल उपलब्ध कराएंगे. यह प्रक्रिया तत्काल शुरू होने जा रही है.


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आपको बता दें कि बीते 23 मार्च को मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए देश की जेलों में भीड़ को कम करने के लिए स्वत: संज्ञान लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुझाव दिया था कि वे एक कमिटी का गठन कर यह सु​निश्चित करें कि जेलों में भीड़भाड़ कैसे कम की जा सकती है.


सुप्रीम कोर्ट के इस सुझाव का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी व डीजी जेल आनंद कुमार की दो सदस्यीय कमिटी गठित की थी. इस कमिटी ने सीएम को अपनी रिपोर्ट सौंपी और शनिवार शाम से ही प्रदेश की 71 जेलों में बंद ऐसे 11 हजार कैदियों को रिहा करने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है जिन पर 7 साल या उससे कम की सजा के मामले चल रहे हैं या ऐसे मामलों में उन्हें सजा हो चुकी है. इन कैदियों को 8 हफ्ते के लिए निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत/पैरोल दी जाएगी.


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