सर्दियों में बढ़ जाती है अस्थमा के मरीजों की परेशानियां, बरतें ये सावधानियां
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सर्दियों में बढ़ जाती है अस्थमा के मरीजों की परेशानियां, बरतें ये सावधानियां

सर्दियों का मौसम ज्यादातर लोगों को पसंद है पर ये मौसम अपने साथ बहुत सी परेशानियां भी साथ लेकर आता है. खासकर अस्थमा के मरीजों के लिए बहुत तकलीफ देने वाला होता है.

सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली: सर्दियों का मौसम ज्यादातर लोगों को पसंद है पर ये मौसम अपने साथ बहुत सी परेशानियां भी साथ लेकर आता है. खासकर अस्थमा के मरीजों के लिए बहुत तकलीफ देने वाला होता है. अस्थमा को दमा भी कहा जाता है.

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कोरोना की वजह से ज्यादा रखना होगा ध्यान

इस बार तो वैसे दुनियाभर में कोरोना महामारी भी फैली हुई है, ऐसे में दमे के मरीजों को काफी ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, नहीं तो उनकी दिक्कतें और बढ़ सकती हैं. आइए जानते हैं कि ठंड के मौसम में अस्थमा की दिक्कत क्यों बढ़ जाती है और इसे किस तरह कंट्रोल किया जा सकता हैं.

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  • अस्थमा अटैक से बचने के लिए ठंड के मौसम में ज्यादा से ज्यादा घर के अंदर ही रहने की कोशिश करें. बाहर जाना भी हो तो अपने मुंह और नाक को मास्क से पूरी तरह कवर करके ही निकलें.
  • अगर मास्क लगाने में दिक्कत होती है तो स्कार्फ या स्टोल से अपने मुंह और नाक को कवर करके रखें
  •  सर्दियों के मौसम में शरीर में पानी की कमी ना होने दें और तरल पदार्थों की मात्रा बढ़ाएं.
  •  घर से बाहर एक्सरसाइज करने जा रहे हैं तो आधे घंटे पहले इनहेलर का इस्तेमाल करके घर से निकलें. इससे आपके वायुमार्ग खुले रहेंगे और आपको सांस लेने में आसानी होगी. इसके अलावा इनहेलर हमेशा अपने पास रखें.
  •  ये फेफड़ों में बलगम को पतला रखता है जिससे ये शरीर से आसानी से बाहर आ जाता है. 
  • अस्थमा के मरीजों को धूल-धक्कड़ से भी दिक्कत होती है इसलिए घर को हमेशा साफ-सुधरा रखें.
  • इनहेलर हमेशा अपने पास रखें. 
  • अगर आप अपनी आंखें, नाक और मुंह छूते हैं तो हाथ धोते रहने से वायरस बॉडी के अंदर प्रवेश नहीं कर पाएगा.
  • इसके अलावा अस्थमा के मरीजों को तंबाकू या धूम्रपान से भी दूर रहना चाहिए. 
  • अक्सर लोग सर्दियों में पानी कम ही पीते हैं, लेकिन अन्य की अपेक्षा अस्थमा के मरीजों के लिए ये खतरनाक हो सकता है. इसलिए जितना हो सके पानी पिएं. 
  • अपने डॉक्टर से संपर्क कर सारी जरूरी दवाईयों की व्यवस्था कर लें. फ्लू वैक्सीन लगवाएं. ज्यादा ठंड पड़ने से पहले ही अपने अस्थमा को कंट्रोल करने की कोशिश करें.

इस मौसम में ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार पड़ती है. जिसकी वजह से आस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. अस्थमा के मरीजों के वायुमार्ग में सूजन होती है, जो ठंड में और बढ़ जाती है जिसकी वजह से सांस लेने में परेशानी होती है. सर्दियों के मौसम में ठंडी, शुष्क हवा से नाक के वायुमार्ग में सूजन आ जाती है. इस मौसम में कोल्ड, फ्लू और वायरस का खतरा भी बढ़ जाता है. इस मौसम में बलगम भी ज्यादा बनता है. ये सारी चीजें इंफेक्शन को बढ़ाती है जिसकी वजह से अस्थमा के मरीजों के सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. इस मौसम में अस्थमा के मरीजों को खास ध्यान रखने की जरूरत है.

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