कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए अयोध्या के संतों ने स्थगित की 84 कोसी परिक्रमा
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कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए अयोध्या के संतों ने स्थगित की 84 कोसी परिक्रमा

हनुमान मंडल के बैनर तले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और मंत्री चम्पतराय के साथ हुई शीर्ष संतों और विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारियों की बैठक के बाद 84 कोसी परिक्रमा को स्थगित करने का निर्णय लिया गया.

अयोध्या.

अयोध्या: कोरोना वायरस के बढ़ते संकट के बीच अयोध्या में होने वाली 84 कोसी परिक्रमा स्थगित कर दी गई है. विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने इसे बारे में जानकारी दी. हनुमान मंडल के बैनर तले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और मंत्री चम्पतराय के साथ हुई शीर्ष संतों और विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारियों की बैठक के बाद 84 कोसी परिक्रमा को स्थगित करने का निर्णय लिया गया.

विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा, 'चौरासी कोसी परिक्रमा की तैयारी व्यापक रूप से हो चुकी थी. पूरे देश से साधू संत इस बार अयोध्या पंहुच कर इस परिक्रमा में शामिल होने वाले थे. लेकिन कोरोना वायरस के खतरे के बीच समाज और राष्ट्र की सुरक्षा अधिक जरूरी है. समाज सुरक्षित रहेगा तो परिक्रमा अगले वर्ष हो जाएगी. इसलिए 84 कोसी परिक्रमा को स्थगित कर लिया गया है.'

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आपको बता दें कि 84 कोसी परिक्रमा अयोध्या से 8 अप्रैल को संत धर्माचार्यों के संरक्षण में मखोड़ा हेतु प्रस्थान करने वाली थी. मखोड़ा में रात्रि विश्राम के उपरांत प्रातःकाल दर्शन पूजन करके संत आगे रामगढ़खास के रजवापुर, रामरेखा के छावनी, विशेषरगंज के देवकली हनुमान मंदिर, बस्ती के हनुमानबाग से सरयू पारकर फैजाबाद के शेरवाघाट श्रृंगीश्रृषि आश्रम, महबूब गंज, गोसाईगंज, टिकरी तारून, रामपुर भगन सूर्यकुंड, दराब गंज, हेमा सराय, आस्तिकन, अमानी गंज, रौजागांव, पटरंगा से बाराबंकी जनपद के बेलखरा मे प्रवेश करने वाली थी.

यंहा से गोंडा जनपद के देवीगंज दुलारेगंज जम्मूदीप ,भौरीगंज राजा पुर पस्का (संत तुलसीदास की जन्मभूमि) बखरिया,उमरी डिक्सिर अमदही जमदग्नि आश्रम तुलसीपुर नवाब गंज से जनपद बस्ती मे पुनः वापसी रेहली, सिकंदरपुर होते हुये 29 अप्रैल को मखोड़ा पहुंचने थी. 30 अप्रैल को सायंकाल अयोध्या पहुंचकर 1 मई को सरयू स्नान करने के पश्चात राजकोट की परिक्रमा व सीता कुंड पर हवन पूजन करने के बाद 84 कोसी परिक्रमा समाप्त हो जाती.

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