Ayodhya Dham Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं. रामलला की मू्र्ति की प्राण- प्रतिष्ठा हो चुकी है. अयोध्या में रामलला की प्रतिमा बनाने का काम तीन अलग- अलग मूर्तिकारों को दिया गया था. तीन मूर्तियों में से 2 मूर्तियों को अंतिम रूप से चुना गया था. मैसूर के अरुण योगीराज के द्वारा बनाई गई प्रतिमा को मंदिर के गर्भ ग्रह में विराजमान किया गया. ऐसे में हर किसी के मन में सवाल है कि दूसरी चयनित मू्र्तियों का क्या हुआ?.


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खबर विस्तार से-
आपको बता दें कि रामलला की दूसरी प्रतिमा की फोटो भी सामने आ गई है. इस मूर्ति को राजस्थान, जयपुर के रहने वाले सत्यनारायण पाण्डे ने बनाया है. इस प्रतिमा को सफेद मकराना संगमरमर से बनाया गया है. यह मूर्ति अभी मंदिर ट्रस्ट के पास है. वहीं तीसरी मूर्ति का तस्वीर अभी सामने नहीं आई है. इस मूर्ति को कर्नाटक के गणेश भट्ट ने बनाया है. सफेद संगमरमर से बनी दूसरी मूर्ति को बनाने वाले मूर्तिकार जयपुर के रहने वाले हैं. सत्यनारायण पाण्डे कई पीढ़ियों से मूर्तिकारी का काम करते आ रहे हैं. यहां दिखाई गई तस्वीर सजावट, सिंगार के बाद की है. प्रथम तल पर लग सकती है दूसरी मूर्ति.


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सदियों से चले आ रहे विवाद के बाद वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने राममंदिर के पक्ष में फ़ैसला सुनाया था और मंदिर निर्माण का आदेश जारी किया था. उसके बाद 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही मंदिर का शिलान्यास किया था, और अब 22 जनवरी, 2024 को राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कर 23 जनवरी से उसके कपाट आम जनता के लिए खोल दिए गए हैं. सरकार की योजना अयोध्या को ग्लोबल आध्यात्मिक टूरिस्ट हॉटस्पॉट बना देने की है, जिसके लिए हज़ारों करोड़ रुपये व्यय कर शहर का बुनियादी ढांचा विकसित किया जा रहा है, और दर्जनों की तादाद में होटल आदि जैसी सुविधाएं अयोध्या में बनाई जा रही हैं. कुछ ही सालों में अयोध्या देश का ही नहीं, दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक टूरिस्ट हॉटस्पॉट बन सकता है.