नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: पूरा देश भगवान राम के आगमन की तैयारियां कर रहा है. देश में हर मजहब और तबके के लोग श्रीराम के घर लौटने की खुशियां मना रहे हैं. हर धर्म के लोग इस पल को यादगार बनाना चाहते हैं. सभी राम की भक्ति में अपना योगदान भी देना चाहते हैं. इसी क्रम में बाराबंकी के मुस्लिम परिवार ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा तक रोजाना दीपक जलाने का प्रण लिया है. बच्चे भी इबादत में लगे हैं. इन परिवारों का कहना है कि हमारी इच्छा है कि देश की एकता और अखंडता बनी रहे. इनका मानना है कि रामलला के आने से दुनिया भर में रामराज आएगा. इसी खुशी में वह 22 जनवरी तक दीपोत्सव मनाएंगे. 


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दरअसल अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है. इस ऐतिहासिक दिन को लेकर देशभर में काफी उत्साह है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में बाराबंकी का मुस्लिम परिवार भी दीपक जला रहा है. परिवार के लोगों का कहना है कि 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा तक ऐसे ही दीपों को रोशन करते रहेंगे. इन परिवारों का कहना है कि 500 वर्षों का वनवास खत्म करके श्रीराम वापस अपने घर में आ रहे हैं. इसे लेकर उनमें काफी खुशी है. महिलाओं का कहना है कि हम सभी राम मंदिर बनने से काफी खुश हैं. हम लोग इस देश में पैदा हुए हैं, इसलिए हमारा फर्ज बनता है कि लोगों के दिलों में किसी भी तरह की नफरत पैदा न होने दी जाए. 


इस मुस्लिम परिवार के राजा कासिम, इंसार अहमद और महिला साजिया बेगम ने बताया कि हमारा देश राम रहीम का है. बिना राम इसकी कल्पना नहीं हो सकती. राम किसी एक धर्म या पंथ के नहीं हैं. राम हम सभी के हैं. भारत में राम को इमामुल हिंद का दर्जा दिया गया है. हमारा देश अनेकता में एकता का देश कहलाता है इसीलिये हमने भी श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में 22 जनवरी तक दीपक जलाते रहेंगे. वह पूरे देश को यह संदेश देना चाहते हैं कि जिस तरह हमारे भारत में मानवता और इंसानियत कायम है, पूरी दुनिया में इसी तरह का वातावरण बना रहे. रामराज के आने का फायदा केवल हिंदुस्तान को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को होगा. राम मंदिर बनने से हमारे बीच की सभी दूरियां खत्म होंगी और गंगा-जमुनी तहजीब को और मजबूती मिलेगी. 


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