Ayodhya Mosque News: दिल्ली निवासी रानी पंजाबी नाम की महिला ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में तय जमीन में उनके परिवार का हिस्सा होने की बात कही है और इस पर कब्जा पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी.
गठित इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट जोकि मस्जिद निर्माण के लिए बना है उसके प्रमुख जुफर फारूकी ने महिला के दावों को खारिज किया है. कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2021 में दावे को खारिज किया है.
रानी पंजाबी ने दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट के 2019 के आदेश के बाद प्रशासन द्वारा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या के धन्नीपुर गांव में दी गई पांच एकड़ जमीन उनके परिवार के मालिकाना हक वाली 28.35 एकड़ जमीन का भाग है.
जिसके के सभी दस्तावेज हैं इसे पाने के लिए वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगी. महिला का दावा है कि उनके पिता ज्ञान चंद पंजाबी को पंजाब छोड़कर पाकिस्तान की ओर जाना पड़ा वो फैजाबाद जोकि आज अयोध्या जिला है वहां चले गए.
यहां पर उनको जमीन के बदले 28.35 एकड़ जमीन आवंटित हुई. साल 1983 तक भूमि पर उनके परिवार ने खेती की. बाद में पिता की तबीयत खराब होने पर परिवार इलाज के लिए दिल्ली आ गया.
महिला का दावा है कि जमीन पर तब से अतिक्रमण होता रहा.मस्जिद निर्माण आपत्ति नहीं है पर प्रशासन उनके साथ न्याय करे. इस्लाम में विवादित जमीन पर मस्जिद बनाना जायज़ नहीं.
9 नवंबर 2019 को आए ऐतिहासिक फैसले के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण का आदेश विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल पर करने का दिया था.
अयोध्या में एक प्रमुख स्थान पर मुसलमानों को मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन दी थी. सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को सरकार के आदेश पर अयोध्या जिले के रौनाही के धन्नीपुर गांव में भूमि दी गई.
दी गई जमीन पर मस्जिद के साथ अस्पताल, सामुदायिक रसोई के साथ ही पुस्तकालय व रिसर्च संस्थान बनाने का ऐलान किया गया है.