अयोध्या-बाराबंकी रोड पर जुलाई महीने की 7 तारीख को मिला एक युवती का कटा हुआ शव पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था. आखिरकार SIT टीम ने अब इस गुत्थी को सुलझा लिया है.
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बाराबंकी: अयोध्या-बाराबंकी रोड पर जुलाई महीने की 7 तारीख को मिला एक युवती का कटा हुआ शव पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था. आखिरकार SIT टीम ने अब इस गुत्थी को सुलझा लिया है. जुलाई महीने की शुरुआत में ही हाईवे पर ब्रीफकेस और बैग में एक युवती का शव 6 टुकड़ों में कटा हुआ मिला था. पुलिस तभी से इस जघन्य हत्याकांड के खुलासे पर काम कर रही थी. आखिरकार सवा महीने बाद SIT ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया है कि हत्या युवती के पति ने की थी और शव को टुकड़ों में काटा था.
आयशा के पति ने की थी निर्मम हत्या
बाराबंकी पुलिस ने बताया कि आयशा मुंबई की रहने वाली थी और उसकी शादी लखनऊ में हुई थी. लखनऊ के ही रहने वाले उसके पति ने उसे मारकर 6 टुकड़ों में काटा था. बाराबंकी पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए उसके पति को लखनऊ के इंदिरानगर थाना क्षेत्र के मुंशी पुलिया से गिरफ्तार कर लिया है और वारदात में उपयोग हुए सामान को भी बरामद कर लिया. SP बाराबंकी ने खुलासा करने वाली SIT को 25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की.
7 जुलाई को मिला था युवती का शव
सात जुलाई 2020 को कोतवाली नगर इलाके में सफेदाबाद के केवाड़ी मोड़ के पास एक युवती का शव छह टुकड़ों में बरामद हुआ था, जिसकी शिनाख्त मुंबई के अंबेडकरनगर की रहने वाली मालन बादशाह शेख उर्फ आयशा के रूप में हुई थी.
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लोहे की रॉड से की हत्या, फिर टुकड़ों में काटा शव
बाराबंकी के एसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि आयशा की हत्या 5 जुलाई को आपसी विवाद के बाद लखनऊ के इंदिरा नगर थाना क्षेत्र में सेक्टर 14 में रह रहे उसके पति समीर खान ने लोहे की रॉड से पत्नी आयशा का कत्ल किया.आयशा की हत्या के बाद उसके पति समीर ने बाजार से चापड़ और शव को पैक करने के लिए अन्य सामान खरीदा और उसी रात छह टुकड़ों में काटकर ब्रीफकेस और बैग में भरकर कार से ले जाकर हाई वे पर फेंक दिया था.
बिजली के बिल से पुलिस पहुंची कातिल तक
हत्या की घटना का खुलासा करने में पुलिस को बिजली के बिल की मदद मिली जो शव वाले बैग में मिला था. इसी के जरिये पुलिस समीर तक पहुंच पाई. घटना के तुरंत बाद वो नेपाल भागना चाहता था लेकिन तुरंत भागने पर घरवालों को शक हो जाता इसलिए वो अगस्त के अंतिम हफ्ते में नेपाल भागने की तैयारी कर रहा था. समीर बलरामपुर का रहने वाला है और लॉक डाउन से पहले वो मुंबई के बांद्रा क्षेत्र में एक चिकन शॉप में काम करता था और लॉकडाउन में मार्च महीने में लखनऊ लौटा था.
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