अवनीश श्रीवास्तव/बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में रामनगर क्षेत्र का चैनपुरवा गांव अवैध शराब बनाने के लिये बदनाम है, लेकिन यहीं की महिलाओं ने अपने गांव को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहला कदम उठाया है. किसी भी व्यक्ति को बुरा काम छोड़ने और अच्छा काम पकड़ने में बरसों लग जाते हैं, लेकिन जो गांव अवैध शराब के लिए बदनाम हो, वही गांव आत्मनिर्भर बनने के लिए कोशिश करे तो यह बड़ी बात है. यहां के लोगों ने मधुमक्खी पालन करके उससे निकलने वाले मोम से 51 हजार दीये बनाए हैं.  


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DM ने भी किया सम्मानित
बाराबंकी के रामनगर गांव की महिलाओं ने अपने गांव को आत्मनिर्भर बनाने की पहली सीढ़ी चढ़ी है. इन 51 हजार दीपकों से GIC के मैदान को रोशन किया गया. इस गांव की छोटी-सी पहल ने दूसरों को प्रेरणा दी है कि मुश्किलों में भी हम अच्छाई को ढूंढ ही लेते हैं. चैनपुरवा गांव की महिलाओं के इस कार्य के लिए DM,SP,CDO मेधा रूपम और बाकी अफसरों ने उन्हें सम्मानित किया. 51000 दीपों को इंडियन मैप के आकार में दीपों को प्रज्ज्वलित किया. इस मौके पर विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेकर सभी का मन जीत लिया. GIC दीपों की रोशनी से जगमगा उठा तो लोगों की तादाद भी सेल्फी लेने के लिए बढ़ने लगी. 


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CM खुद जलाएंगे ये दीप 
शनिवार को अपर मुख्य सचिव गृह अवस्थी ने भी इस गांव में पहुंचकर लोगों का उत्साह बढ़ाया. उन्होंने DM से कहा है कि वह जितनी मात्रा में दीये दे सकते हैं, मुहैया कराएं. इन दीयों को दीपोत्सव में मुख्यमंत्री खुद अपने हाथों से प्रज्जवलित करेंगे.


लोगों को अच्छा रास्ता दिलाने की कोशिश
चैनपुरवा गांव की महिलाओं को प्रोत्साहित और सम्मानित करते हुए DM डॉ. आर्दश सिंह ने कहा कि पिछले कई सालों से बाराबंकी अवैध शराब के लिए अपराधों की लिस्ट में था. सबसे बड़ी चुनौती पुलिस अधीक्षक के लिए थी कि ऐसे अपराधियों को पकड़ें और उस पर कार्रवाई करें, लेकिन पुलिस अधीक्षक ने प्रयास किया कि जिनके परिवार वाले इस अवैध शराब के धंधे में लगे हैं, वह इस रास्ते को छोड़कर एक अच्छा रास्ता पकड़ें. ये प्रयास सफल भी रहा और आगे भी ऐसी कोशिश जारी रहेगी कि वो सभी लोग, परिवार जो गलत कारोबार करते हैं वो सही मार्ग पर आएं. 


अवैध शराब के धंधे को रोकना बड़ी चुनौती
पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद चतुर्वेदी का कहना है कि बाराबंकी में शराब के अवैध कार्य को रोकना एक बहुत बड़ी चुनौती है. लोगों से जब पुलिस ने इसका कारण पूछा तो पता चला कि रोजगार ना होने की दशा में अवैध शराब का कार्य हो रहा है. इसपर टीम ने उनको रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए और उन लोगों ने भी प्रयास कर मधुमक्खी पालन करके उससे प्राप्त मोम से दीये बनाए. ये आत्मनिर्भरता के लिए पहला कदम है,अब आस-पास के लोग भी रोजगार की तलाश में यहां आ रहे हैं. 


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