Deoria News: बॉलीवुड की एक और फिल्म कट्टरपंथियों के निशाने पर है. कश्मीर फाइल्स, 72 हूरें के बाद अन्नू कपूर अभिनीत फिल्म हमारे बारह के किरदारों को जान से मारने की धमकी मिल रही है. इसमें देवरिया के पारितोष त्रिपाठी भी शामिल हैं. इसको लेकर पुलिस से शिकायत भी की गई है.


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कौन हैं पारितोष त्रिपाठी
पारितोष त्रिपाठी का जन्म 6 फरवरी 1988 को देवरिया, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था. वह एक अभिनेता और लेखक हैं. पारितोष को लूडो (2020) , जनहित में जारी (2022) और केस तो बनता है (2022) में एक्टिंग करने के लिए भी जाना जाता है. पारितोष त्रिपाठी का परिवार देवरिया में रहता है. इनके पिता स्वर्गीय रामायण त्रिपाठी अंग्रेजी के प्रोफेसर थे. वहीं पारितोष की माताजी जूनियर हाईस्कूल की प्रधान शिक्षिका के पद से सेवानिवृत हैं. इनके बड़े भाई डॉ० आशुतोष त्रिपाठी पेशे से शिक्षक एवं देश के जाने माने कवि हैं. इनकी दो बहनें दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं. स्वयं परितोष त्रिपाठी ने दिल्ली विश्वविद्याल से स्नातक की डिग्री ली है. हालांकि परितोष की स्कूली शिक्षा देवरिया से ही हुई है. आज कल परितोष अपनी नई फिल्म 'हमारे बारह' को लेकर चर्चाओं में हैं. इस फिल्म में इनका किरदार काफी प्रभावी है और इस किरदार का अप्रोच पॉजिटिव है.


'हमारे बारह' किस बारे में है
अन्नू कपूर के साथ अभिनय करने वाले पारितोष की फिल्म 'हमारे बारह' रिलीज होने से पहले ही विवादों में घिर गई है. इस फिल्म की कहानी एक मुस्लिम बहुल गांव में महिलाओं के साथ होने वाले अन्याय को उजागर करती है, साथ ही यह अलग-अलग समुदायों में पाई जाने वाली एक तरह की समस्याओं को भी दिखाया गया है. इस फिल्म की स्टोरी लाइन और इसके मैसेज को काफी सराहा जा रहा है. लेकिन अब फिल्म की कास्ट और प्रोड्यूसर्स को ऑनलाइन धमकियां मिलने लगी हैं. जिसके बाद फिल्म के प्रोड्यूसर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.


द कश्मीर फाइल्स किस बारे में थी
द कश्मीर फाइल्स फिल्म अभिषेक अग्रवाल द्वारा निर्मित थी. इसका लेखन और निर्देशन विवेक अग्नीहोत्री ने किया था. फिल्म में मुख्य किरदारों में अनुपम खेर और मिथुन चक्रवर्ती थे. इस फिल्म का भी कट्टरपंथियों द्वारा बहुत विरोध किया गया था. क्योंकि इस फिल्म में कश्मीरी विद्रोह के दौरान कश्मीर से निकाले गए हिंदू पंडितों की व्यथा को बताया गया था. 


72 हूरें 
वहीं एक और ऐसी ही फिल्म आई थी. जिसे लेकर भी कट्टरपंथियों ने काफी विरोध किया था. नाम के अनुसार ही यह फिल्म हुरी की कुरानिक अवधारणा पर आधारित थी. फिल्म में विशेष रूप से जिहाद के नाम पर आत्मघाती हमले करने वालों के बारे में बताया गया था. फिल्म में दिखाया गया था कि किस प्रकार आतंकवादी संगठन निर्दोष मुस्लिम युवाओं को जन्नत में 72 हूरें मिलने के नाम पर दूसरे समुदाय के लोगों पर आत्मघाती हमला करने के लिए उनके ब्रेनवॉश करते हैं. इस फिल्म को संजय पूरन सिंह चौहान ने निर्देशित किया था.