नरेश टिकैत का बयान- कमल के फूल वाले किसान लगाएं जुबान पर लगाम, वरना गांवों में नो एंट्री
नरेश टिकैत ने किसानों को मंच से संबोधित करते हुए कहा कि सरकार किसानों पर तानाशाही दिखा रही है, लेकिन किसानों को इससे निबटना आता है.
बागपत: दिल्ली-NCR बॉर्डर पर पिछले कई दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है और किसान तीनों कृषि कानूनों को वापिस लिए जाने की मांग कर रहे हैं. इसके चलते बीते सोमवार बागपत पहुंचे भारतीय किसान यूनियन को राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने एक बयान दे कर विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने भरी पंचायत में सांसदों और विधायकों की ओर इशारा करते हुए कहा है कि यह नेता अपने समर्थकों को किसान बना कर कृषि मंत्री से मिलवा रहे हैं और फिर अनाप-शनाप बयान दिलवा रहे हैं. टिकैत का कहना है कि ऐसा कर के देश को गुमराह किया जा रहा है. नरेश टिकैत ने साफ कहा है कि 'कमल के फूल' वाले इन किसानों की जुबान पर लगाम लगाएं, वरना गांवों में उनके साथ 'कमल के फूल' की एंट्री भी बंद कर दी जाएगी.
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"सरकार किसानों की ताकत आंकने में भूल कर रही है"
बता दें, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत बीते सोमवार बागपत के दोघट इलाके में कान्हड़ गांव गए थे. वह एक किसान पंचायत में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे, जहां पर उन्होंने किसानों को मंच से संबोधित करते हुए कहा कि सरकार किसानों पर तानाशाही दिखा रही है. लेकिन किसानों को इससे निबटना आता है. सरकार किसानों की ताकत आंकने में भूल कर रही है. उन्होंने इस दौरान कहा कि सरकार के यह लोग तरह-तरह की बात कह रहे हैं. इन्हें अपनी जुबान पर लगाम लगाना चाहिए.
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30 दिसंबर को करेंगे दिल्ली कूच
टिकैत ने यह भी कहा कि किसान किसी भी कीमत पर कृषि कानूनों को बर्दाश्त नहीं करेगा और 30 दिसंबर को भारी मात्रा में किसान दिल्ली कूच करेंगे. धरने पर जाने वाले सभी किसान अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में खाने और रहने का सामान लेकर दिल्ली रवाना होंगे और अपनी ताकत दिखाएंगे.
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