बिकरू कांड की चार्जशीट तैयार, विनय तिवारी और के.के. शर्मा को माना आरोपी
केके शर्मा को गैंगस्टर विकास दुबे से संबंध रखने, दबिश के दौरान पुलिस टीम की जान को खतरे में डालने और विनय तिवारी पर पुलिस डिपार्टमेंट में रहकर विकास दुबे के लिए मुखबिरी करने का आरोप है.
कानपुर: 2 जुलाई को हुए बिकरु कांड की चार्जशीट पुलिस ने तैयार कर ली है. चार्जशीट में चौबेपुर के तत्कालीन थानेदार विनय तिवारी और दारोगा के.के. शर्मा को साजिश का आरोपी माना गया है. साथ ही, विकास दुबे को संरक्षण देने और दबिश की सूचना लीक करने के मामले में भी दोनों को आरोपी घोषित किया गया है. चार्जशीट इसी हफ्ते 4 अक्टूबर तक दाखिल हो जाएगी.
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पुलिस टीम की जान खतरे में डालने का है आरोप
केके शर्मा को गैंगस्टर विकास दुबे से संबंध रखने, दबिश के दौरान पुलिस टीम की जान को खतरे में डालने और मौके से भागने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
विनय तिवारी पर मुखबिरी का आरोप
विनय तिवारी पर पुलिस डिपार्टमेंट में रहकर विकास दुबे के लिए मुखबिरी करने का आरोप है. इस निलंबित पुलिसकर्मी पर आरोप है कि जब पुलिस की टीम विकास को गिरफ्तार करने बिकरू गांव पहुंची थी, उससे पहले ही उसने गैंगस्टर को इस बारे में खबर पहुंचा दी थी. विकास दुबे के लिए मुखबिरी करने के आरोप में ही पुलिस ने विनय तिवारी को गिरफ्तार किया था.
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बता दें, पिछले महीने अगस्त में दोनों की ही जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी थी.
2 जुलाई की रात बिकरू गांव में क्या हुआ था?
आपको बता दें कि 2 जुलाई की रात विकास दुबे को गिरफ्तार करने बिकरू गांव गई पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी. पुलिस वालों पर यह फायरिंग गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने की थी. इस घटना में तत्कालीन बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा समते 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि 6 अन्य चोटिल हो गए थे. घटना के बाद विकास दुबे एक हफ्ते तक फरार रहा. उसे उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था. वहां से वापस कानपुर लाए जाने के दौरान रास्ते में विकास दुबे और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई. गैंगस्टर इस मुठभेड़ में पुलिस की गोली से ढेर हो गया था.
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