नोएडा: उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offences Wing, eow) 3500 करोड़ के बाइक बोट घोटाले का पूरी तरह से खुलासा करने में लगी हुई है. इस क्रम में ईओडब्लू ने पश्चिमी यूपी के 6 जनपदों में 400 बाइक्स को चिह्नित किया है. जानकारी के मुताबिक ये सभी वह बाइक हैं जो टैक्सी की तरह चलाई जानी थीं. EOW की टीम जल्द इन्हें बरामद करने की तैयारी में है.


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बाइक खड़ी करने के लिए जगह की तलाश
मेरठ पुलिस ने आगरा, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़, गाजियाबाद और हाथरस को चिह्नित किया है, जहां बाइक बोट कंपनी की 400 बाइक खड़ी हुई हैं. सभी टीमों ने मिलकर लंबी मशक्कत के बाद इन्हें ढूंढ़ लिया है. जानकारी मिली है कि ईओडब्लू चाहे तो ये सभी बाइक तुरंत कब्जे में ले सकती है, लेकिन बड़ी दिक्कत यह है कि इन्हें सुरक्षित खड़ी करने की जगह अभी नहीं मिली है. इसके लिए सभी जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से बात की जा रही है. अगर हो सकेगा तो ये बाइक इन शहरों की पुलिस लाइन में ही खड़ी की जाएंगी.


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पुलिस की चार टीमें जुटीं
बाइक बोट कंपनी की बाइक चिह्नित करने में चार टीमें जुटी हुई हैं. हर टीम में 2 इंस्पेक्टर, 6 सब इंस्पेक्टर और 9 कांस्टेबल शामिल किए गए हैं.


पेनड्राइव से खुले घोटाले के कई राज
जानकारी के अनुसार, बाइक बोट कंपनी में एडिशनल डायरेक्टर रविंद्र के जालंधर के मकान से जगुआर कार के अलावा एक पेनड्राइव भी मिली थी. बुधवार को पेनड्राइव खंगाली गई तो उसमें बाइक बोट घोटाले का पूरा कच्चा-चिट्ठा सामने आ गया. कंपनी में किसने निवेश किया, 3500 करोड़ रुपये कहां-कहां ठिकाने लगाए गए, इन सभी के सबूत EOW को मिल गए हैं. इसके साथ ही कुछ नए आरोपियों के नाम भी पुलिस के हाथ लगे हैं. जल्द ही इन पहलुओं पर भी कार्रवाई शुरू की जाएगी.


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