BJP सांसद संजीव बालियान बोले, 'आजम खान ने ही करवाया मुजफ्फरनगर दंगा'
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BJP सांसद संजीव बालियान बोले, 'आजम खान ने ही करवाया मुजफ्फरनगर दंगा'

शामली में प्रेस कांफ्रेंस करके बीजेपी सांसद संजीव बालियान ने आजम खान पर लगाए आरोप.

बीजेपी सांसद संजीव बालियान ने आजन खान पर लगाए मुजफ्फरनगर दंगा कराने के आरोप.

शामली : कैराना उपचुनाव में बीजेपी मुजफ्फरनगर दंगों के मुद्दे को एक बार फिर से भुनाने के मूड में नजर आ रही है. पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और बीजेपी सांसद संजीव बालियान ने एक बार फिर सपा नेता आजम खान पर निशाना साधा है. बालियान ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगा कराने वाले यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान ही थे, जिन्होंने मुजफ्फरनगर और शामली को बर्बाद करने का काम किया है. ये दुर्भाग्य की बात है कि गठबंधन ने दंगा कराने वाले आजम खान को स्टार प्रचारक बनाया है. बीजेपी ने तो दंगों में जेल गए लोगों को वापस लाने का काम किया है.

शामली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में संजीव बालियान ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों में भाजपा नेताओं पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में सरकार द्वारा मुकदमे वापस करने के पक्ष में वह बिलकुल नहीं हैं. प्रदेश सरकार सिर्फ आम लोगों के मुकदमे ही वापस ले, जिसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष भी अपनी बात कही है. संजीव बालियान ने कहा कि अपने मुकदमों के लिए न्यायालय में जाने के लिए वह सक्षम हैं. वहीं बीजेपी सरकार द्वारा मुजफ्फरनगर दंगों में दर्ज हुए फर्जी मुकदमे वापसी के सवाल का विरोध करने वाले सपा विधायक नाहिद हसन से उन्होंने सवाल पूछा कि क्या उस समय दर्ज हुए फर्जी मुकदमे और फर्जी नामजदगी वापस होनी चाहिए या नहीं, इसका जवाब गठबंधन के प्रत्याशी के पुत्र को अवश्य देना चाहिए.

वहीं दूसरी ओर ऑल इंडिया गठवाला खाप के चौधरी दादा बलजीत सिंह मलिक ने कहा कि आप हमेशा सामाजिक काम करती है और राजनीति में वोट देना और समर्थन करना वह किसी व्यक्ति विशेष की सोच हो सकती है. लेकिन वह नहीं चाहेंगे कि उस व्यक्ति को उनका समाज वोट दें, जिसने सरकार के साथ मिलकर पूर्व में उनके समाज के खिलाफ फर्जी मुकदमे कराए और उन पर अत्याचार कराए. वह उस वर्ग विशेष के व्यक्ति को कभी भी चुनाव में जीतते नहीं देखना चाहते.

बुढाना से बीजेपी के विधायक उमेश मलिक ने भी दंगों के दौरान बांटी गई मुआवजे की राशि पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि एक अरब रुपये फर्जी तरीके से लोगों में बांटे गए. उन्होंने कहा कि अगर इसकी सही तरीके से जांच हो जाए तो उस मुआवजा राशि का चौथा-पांचवां हिस्सा ही बंटना चाहिए था. वहीं इन दंगों में दूसरे समाज के साथ भेदभाव किया गया है और अब भी सैकड़ों ऐसे परिवार हैं जिनको मुआवजा नहीं मिला क्योंकि वह वर्ग विशेष से ताल्लुक नहीं रखते थे.

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