गैरसैंण पर हरीश रावत के बयान से गरमाई सियासत, BJP ने पूछा- आखिर क्या सोचते हैं वो?
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गैरसैंण पर हरीश रावत के बयान से गरमाई सियासत, BJP ने पूछा- आखिर क्या सोचते हैं वो?

उत्तराखंड में गैरसैंण को लेकर सियासत गरमाती जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत के गैरसैंण पर दिए बयान को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी आक्रामक हो गई है. बीजेपी ने हरीश रावत से पूछा कि आखिर वो गैरसैंण पर क्या सोचते हैं?

गैरसैंण पर हरीश रावत के बयान से गरमाई सियासत, BJP ने पूछा- आखिर क्या सोचते हैं वो?

देहरादून: उत्तराखंड में गैरसैंण को लेकर सियासत गरमाती जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत के गैरसैंण पर दिए बयान को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी आक्रामक हो गई है. बीजेपी ने हरीश रावत से पूछा कि आखिर वो गैरसैंण पर क्या सोचते हैं? बीजेपी नेता सुरेश जोशी ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी, तब उन्होंने गैरसैंण के विकास पर कोई फैसला नहीं और न ही जनता के बारे में सोचा. उन्होंने कहा कि जब बीजेपी वहां काम कर रही है, तो कांग्रेस को परेशानी हो रही है. 

आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण के विकास को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए 3 महीने हो गए, लेकिन विकास तो किया ही नहीं. जबकि सरकार ने इसके पीछे कोरोना के चलते लागू लॉकडाउन को वजह बताया था. हरीश रावत ऐलान कर चुके हैं कि सरकार बनने पर गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाएंगे.

वहीं नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने भी सरकार को घेरा था. उन्होंने कहा था कि सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित तो कर दिया, लेकिन वहां पर कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है. वहां झंडारोहण कर दिखावा किया जा रहा है. वहीं, सांसद अजय भट्ट ने इस पर राजनीति न करने की नसीहत दे दी थी. 

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क्या है गैरसैंण का इतिहास
साठ के दशक में पहली बार गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग उठी थी, ये मांग पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली ने उठाई थी. यही वजह रही कि उत्तराखंड क्रांति दल ने उस दौर में गैरसैंण को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम पर चंद्रनगर रखा था. गैरसैंण की धरती पर राजधानी के लिए कई आंदोलन शुरू हुए और समय के साथ राजधानी की मांग तेज होती चली गई. उत्तराखंड में सरकारें बनी और सभी ने यहां की जनता को गैरसैंण राजधानी का सपना भी दिखाया, जो सिर्फ सपना ही बनकर ही रह गया था. फिर इसे मुद्दा बनाकर राजनीतिक दल हमेशा अपनी रोटी सेंकने में लगे रहे. लेकिन 2020 में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया गया.

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