नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर हिंसा (Bulandshahr Violence) मामले के बाद राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है. इस बयानबाजी में अब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी (सीपीएम) के नेता प्रकाश करात का नाम भी जुड़ गया है. प्रकाश करात ने मंगलवार को कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुई घटना पूर्वनियोजित लग रही है. गौहत्या जैसे मुद्दे को लेकर वहां पहले भी सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा चुकी है. पहले भी इस तरह के प्रयास किये जाते रहे हैं.


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प्रकाश करात ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव पास हैं और यूपी में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि सभी को याद है कि 2013 में लोकसभा चुनाव से पहले मुजफ्फरनगर में कैसे दंगे भड़के थे. इससे पहले बुलंदशहर के स्थानीय बीजेपी सांसद भोला सिंह ने हिंसा फैलने के पीछे इज्तिमा (Islamic congregation) को वजह बताया. पुलिस जांच के बीच भोला सिंह ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में बताया, 'लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह नियंत्रण में था, पुलिस पूरी तरह मुश्तैद थी, लेकिन इज्तिमा (Ijtema) को लेकर पुलिस को अंधेरे में रखा गया. हिंसा की असली वजह यही है.' 


BJP सांसद भोला सिंह ने बताया, बुलंदशहर में क्यों भड़की हिंसा?



अब तक मीडिया में आई खबरों में कहा जा रहा है कि कथित तौर से गौकशी की बात सामने आने पर यह हिंसा भड़की थी. भीड़ को शांत कराने पहुंचे इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के प्रति लोगों का गुस्सा भड़क गया और उन्हें शिकार बना लिया गया.


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बुलंदशहर हिंसा मामले में चार गिरफ्तार, हालात सामान्य हो रहे
बुलंदशहर (Bulandshahr Violence)  के स्याना गांव में सोमवार को कथित गौहत्‍या की अफवाह के बाद फैली हिंसा और एक पुलिस अधिकारी के मारे जाने के मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. बुलंदशहर में स्थिति भी धीरे धीरे सामान्य हो रही है. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि सोमवार को हुई हिंसा के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.


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उन्होंने कहा कि हालात धीरे धीरे सामान्य हो रहे हैं और इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. एडीजी ने बताया कि दंगा फैलाने और हत्या के मामले में दो दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इनमें से 27 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी तथा 50 से 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. उन्होंने बताया कि वीडियो फुटेज के आधार पर लोगों की पहचान की जा रही है. 


शहीद इंस्पेक्टर की बहन बोली- पुलिस षड्यंत्र के चलते गई जान
इस बीच, हिंसा (Bulandshahr Violence) के दौरान मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की बहन सुनीता सिंह ने आरोप लगाया है कि उनके भाई की हत्या पुलिस के षड्यंत्र से हुई है. सुनीता ने कहा ‘मेरा भाई पुलिस के षडयंत्र के कारण मारा गया क्योंकि वह दादरी के गौहत्या मामले की जांच कर रहा था.’ उन्होंने अपने भाई को शहीद का दर्जा देने और उनका स्मारक बनाने की मांग करते हुए कहा ‘‘मुख्यमंत्री गाय गाय रटते रहते हैं, आखिर वह गौ रक्षा के लिये क्यों नहीं आते हैं?' 


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'हिंदू-मुस्लिम विवाद में गई पिता की जान'
मारे गये इंस्पेक्टर के पुत्र अभिषेक ने कहा कि उसके पिता उसे एक अच्छा नागरिक बनाना चाहते थे जो समाज में धर्म के नाम पर हिंसा को बढ़ावा न दे. उसने कहा ‘मेरे पिता ने हिंदू मुस्लिम विवाद के चलते अपनी जान गंवा दी. अब किसके पिता की बारी है? ’अभिषेक ने कहा कि आखिरी बार जब उसने अपने पिता से बात की थी तो उन्होंने उससे पूछा था कि क्या उसने खाना खा लिया, और पढ़ाई की या नहीं ?’


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इससे पहले एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने बताया कि हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. इस जांच में पता लगाया जाएगा कि हिंसा क्यों हुई और क्‍यों पुलिस अधिकारी इंस्‍पेक्‍टर सुबोध कुमार को अकेला छोड़कर भाग गए. आईजी मेरठ रेंज की अध्यक्षता में गठित एसआईटी गोकशी के आरोप और हिंसा दोनों की जांच करेगी. एसआईटी में तीन से चार सदस्य होंगे.


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बताया जाता है कि एक आरोपी योगेश राज बजरंग दल का जिला संयोजक है. इस बीच, बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र के भाजपा विधायक सिंह ने मंगलवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में बुलंदशहर हिंसा तथा पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या के आरोप में हिंदूवादी संगठनों, खासकर बजरंग दल को क्लीन चिट देते हुए कहा कि ऐसी सम्भावना है कि पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की मौत पुलिस की गोली से ही ही हुई है. उन्होंने दावा किया कि बजरंग दल के लोगों ने पथराव किया था, लेकिन गोली नहीं चलाई थी.