अखलाक हत्याकांड की जांच कर चुके थे इंस्पेक्टर सुबोध | पढ़ें 7 बातें
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अखलाक हत्याकांड की जांच कर चुके थे इंस्पेक्टर सुबोध | पढ़ें 7 बातें

ईमानदारी के साथ ड्यूटी निभाते हुए जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह  से जुड़ी खास बातों पर एक नजर डालते हैं.

शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह.

बुलंदशहर, ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश के मेरठ मंडल से जुड़े बुलंदशहर जनपद में सोमवार को कथित तौर पर गोकशी के बाद मचे बवाल में गुस्साई भीड़ ने स्याना थाने के इंस्पेक्टर की पत्थर या किसी भारी वस्तु मारकर हत्या कर दी. यूपी पुलिस के इस बहादुर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की शहादत से न केवल पूरा महकमा बल्कि आम जनता भी स्तब्ध हैं. बताया जा रहा है कि गुस्साई भीड़ को शांत कराते हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की शहादत हुई है. एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने लखनऊ में बताया कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से जानकारी मिली है कि बाई आँख के ऊपर गोली लगी है, इसके अलावा सर पर भी किसी भारी चीज़ की चोट के निशान पाए गए हैं. ईमानदारी के साथ ड्यूटी निभाते हुए जान गंवाने वाले इंस्पेक्टर से जुड़ी खास बातों पर एक नजर डालते हैं.

  1. भीड़ को बातचीत के जरिए शांत करने की कोशिश कर रहे थे इंस्पेक्टर सुबोध
  2. तभी उग्र भीड़ ने इंस्पेक्टर सुबोध को बनाया निशाना
  3. अखलाक हत्याकांड की जांच कर चुके थे इंस्पेक्टर सुबोध

अखलाक केस में जांच अधिकारी रहे सुबोध
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या में अखलाक हत्याकांड के कनेक्शन जुड़े होने की बात कही जा रही है. साल 2015 में दादरी के बिसाहड़ा गांव में भीड़ ने अखलाक नामक शख्स की हत्या कर दी थी. इस केस की जांच इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ही कर रहे थे. एडीजी ने बताया कि सुबोध कुमार सिंह दादरी के अखलाक हत्याकांड में 28 सितंबर 2015 से 9 नवंब 2015 तक जांच अधिकारी थे. इस मामले में चार्जशीट दूसरे जांच अधिकारी ने मार्च 2016 मे दाखिल की थी. अखलाक हत्याकांड में सुबोध ने दूसरे दिन ही 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था.

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ड्यूटी के दौरान पिता भी हुए थे शहीद
इंस्पेक्टर सुबोध के पिता स्व. रामप्रताप सिंह भी पुलिस महकमे में थे. ड्यूटी में रहते हुए पिता की असामयिक मौत के बाद सुबोध को 1995 में पुलिस महकमे में अनुकंपा पर नौकरी मिली थी. परिजनों ने बताया कि मृतक इंस्पेक्टर दो भाइयों में छोटे थे. उनके बड़े भाई अतुल कुमार राठौर सेना से सेवानिवृत्त हैं, जो दिल्ली में अपना निजी व्यापार करते है. वहीं शहीद सुबोध के भी दो बेटे है. इनमें श्रेय (21) और अभिषेक (19) है. बड़ा बेटा श्रेय दिल्ली में रहकर सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है, वह बीएससी कर चुका है. छोटा बेटा नोएडा के एक स्कूल से 12वीं की पढ़ाई कर रहा है.

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परिजनों ने बताया कि पिता के साथ मृतक के चाचा रामौतार भी पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हैं. यह परिवार मूलरूप से एटा जिले के थाना जैथरा के गांव तरगवा के रहने वाले हैं. फिलहाल सुबोध का परिवार गौर सिटी में रहते हैं.

ईमानदारी से ड्यूटी निभाते रहे सुबोध कुमार
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह ग्रेटर नोएडा की जारचा, बादलपुर और दादरी कोतवाली के प्रभारी रह चुके थे. पुलिस महकमे में उनके साथ काम कर चुके पुलिसकर्मी बताते हैं कि वह ड्यूटी को लेकर काफी ईमानदार थे. खासकर भीड़, दंगा, गोकशी आदि संवेदनशील मामलों में भी काफी गंभीरता दिखाते थे. वे कहते थे कि ऐसे मामलों में समाज को नुकसान पहुंचता है.

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सीएम योगी ने जताया गहरा दुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बुलन्दशहर में हुई हिंसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर समेत दो लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए दो दिन के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिये. बुलंदशहर में हुई घटना में पांच पुलिस कर्मी तथा करीब आधा दर्जन आम लोगों को भी मामूली चोटें आई है. भीड़ की हिंसा में कई गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया गया है तथा तीन कारों को आग लगा दी गई. बताया जा रहा है कि इस हिंसा में तीन गांव के करीब चार सौ लोग शामिल है.

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एडीजी ने गोपनीय रिपोर्ट मांगी
एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने लखनऊ में बताया कि कथित गौकशी की घटना के बाद पथराव में एक थाना इंचार्ज और एक अन्य व्यक्ति की मौत के मामले की जांच एडीजी इंटलीजेंस एसबी शिरडकर करेंगे और 48 घंटे के अंदर अपनी गोपनीय रिपोर्ट सौंपेगें. उन्होंने बताया कि पुलिस महानिरीक्षक मेरठ की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया जिसमें तीन से चार अधिकारी शामिल होंगे जो पूरी घटना की गहनता से जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौपेंगे.

गोकशी का मामला दर्ज
एडीजी आनंद ने बताया कि जिलाधिकारी बुलंदशहर ने इस घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिये है. अभी इस संबंध में एक मामला गोकशी का दर्ज किया गया है जिसमें सात नामजद हैं लेकिन अभी सुरक्षा की दृष्टि से इन लोगों के नाम नहीं बताये जा सकते हैं. उपद्रव के दौरान सुमित नाम के एक युवक की भी मौत इलाज के दौरान मेरठ के अस्पताल में हो गयी है. उसे गोली लगी थी. अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि उसकी मौत किसकी गोली से हुई है.

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शहीद पुलिस अफसर के परिजन को 50 लाख रुपए की सहायता
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बुलन्दशहर में हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया और इस घटना में शहीद हुए पुलिस इंस्पेक्टर के परिजन को कुल 50 लाख रूपये की सहायता का ऐलान किया. मुख्यमंत्री ने दो दिन के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश भी दिया है.

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