BJP MP Ajay Kumar Mishra Teni: बीजेपी के मंत्री अजय मिश्रा ने बताया कि जल्द लागू हो सकता है सीएए. इसको लेकर लगभग पूरी तैयारी हो चुकी है. जानें कब और किस तारीख को लागू होगा CAA?...
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Citizenship Amendment Act (CAA): पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में एक जनसभा में अपने संबोधन के दौरान केद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा कि सरकार ने सीएए को लागू करने की तारीख तय कर ली है. उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के सांसद ने उत्तर 24 परगना जिलें में ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी मतुआ समुदाय ने नागरिकता का अधिकार नहीं छीन सकता. जो बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण यहां भाग कर आए थे. मंत्री जी आगे कहते हैं कि ‘पिछले कुछ वर्षों में सीएए को लागू करने की प्रक्रिया में तेजी आई है… कुछ मुद्दों को सुलझाया जा रहा है. कोई भी मतुआ समुदाय के लोगों से नागरिकता का अधिकार नहीं छीन सकता. अगले साल मार्च तक सीएए का अंतिम मसौदा तैयार होने की उम्मीद है.’ यहां से स्थानीय भाजपा सांसद एंव केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने उनका सनर्थन किया.
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आज से चार साल पहले यानी साल 2019 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू करने की बात की थी तो उस वक्त देशभर में इस कानून का जमकर विरोध किया गया था. अब भारत में साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. इस चुनाव से पहले प्रचार प्रसार के दौरान 26 नवंबर के दिन एक जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी नेता और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने बड़ा बयान दे दिया है.
क्या है नागरिकता कानून अधिनियम (CAA)
नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) यानी (CAA) को आसान भाषा में समझे तो इस कानून के तहत भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देश- पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम प्रवासी, इनमें भी 6 समुदाय (हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारत की नागरिकता देने के नियम को आसान बनाया गया है. नागरिकता संशोधन अधिनियम से पहले किसी भी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम 11 साल तक इस देश में रहना जरूरी था. हालांकि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत इस 11 साल के नियम को आसान बनाया गया है और भारत की नागरिकता हासिल करने की अवधि को 1 से 6 साल कर दिया गया. यानी भारत के इन तीनों पड़ोसी देशों के 6 धर्मों के लोग पिछले एक से छह सालों में भारत आकर बसे हैं तो उन्हें भी भारत की नागरिकता मिल सकेगी.
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