नई दिल्ली: कुंभ मेले की शुरुआत से करीब एक पखवाड़े पहले उत्तर प्रदेश सरकार का अनुरोध मानते हुए केंद्र सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. अधिकारियों ने मंगलवार (01 जनवरी) को यह जानकारी दी. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने करीब दो महीने पहले इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने का फैसला किया था.


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केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने करीब 10 दिन पहले इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दी. प्रयागराज में कुंभ मेले की शुरुआत 15 जनवरी को मकर संक्रांति से हो रही है. कुंभ मेले का समापन चार मार्च को महाशिवरात्रि के दिन होगा. केंद्र सरकार ने पिछले एक साल में देश के कम से कम 25 शहरों और गांवों के नाम बदलने पर अपनी सहमति दी है. उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या करने का प्रस्ताव अभी केंद्र को नहीं मिला है.


पश्चिम बंगाल का नाम ‘बांग्ला’ करने का प्रस्ताव विदेश मंत्रालय में लंबित है. बताया जाता है कि विदेश मंत्रालय ने ‘बांग्ला’ नाम को लेकर अपनी आपत्ति जाहिर की है, क्योंकि यह नाम पड़ोसी बांग्लादेश के नाम से मिलता-जुलता है. बांग्लादेश में रविवार को आम चुनाव संपन्न होने के मद्देनजर इस बाबत जल्द फैसला हो सकता है.


केंद्रीय गृह मंत्रालय मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुरूप संबंधित एजेंसियों से विचार-विमर्श करके नाम बदलने के प्रस्ताव पर विचार करता है. वह रेलवे, डाक विभाग और सर्वे ऑफ इंडिया से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेने के बाद ही किसी जगह का नाम बदलने को अपनी मंजूरी देता है. इन संगठनों को इस बात की पुष्टि करनी होती है कि प्रस्तावित नाम से मिलता-जुलता नाम किसी और शहर, कस्बे या गांव का तो नहीं है.


किसी गांव, कस्बे या शहर का नाम बदलने के लिए कार्यकारी आदेश की जरूरत होती है. किसी राज्य का नाम बदलने के लिए संसद में साधारण बहुमत के साथ संविधान में संशोधन करना होता है.