शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सरकार परिषदीय विद्यालयों में अगले शैक्षणिक सत्र 2021-22 से NCERT पाठ्यक्रम लागू करने जा रही है.
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लखनऊ: योगी सरकार उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के सभी प्राइमरी स्कूलों को इंग्लिश मीडियम स्कूलों के समकक्ष खड़ा करने के लिए प्रतिबद्ध हो चुकी है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों को लेकर बड़ा निर्देश देते हुए इनके कायाकल्प की समय सीमा तय कर दी है. सीएम योगी की योजना के मुताबिक अगले दो साल के अंदर ये स्कूल कॉन्वेंट स्कूलों को टक्कर देने लेंगे. ऑपरेशन कायाकल्प के जरिये प्रदेश के 1.59 लाख प्राइमरी स्कूलों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं.
लागू होगा NCERT पाठ्यक्रम
योगी सरकार प्राइमरी स्कूलों की तस्वीर बदलने के लिए 14 मानकों पर काम कर रही है. पहले चरण में सभी स्कूलों में 10 मानकों पर काम होगा जबकि 4 मानकों को मार्च 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सरकार परिषदीय विद्यालयों में अगले शैक्षणिक सत्र 2021-22 से NCERT पाठ्यक्रम लागू करने जा रही है. अब तक प्रदेश के 16 हजार स्कूलों को इंग्लिश मीडियम किया जा चुका है. इन स्कूलों में नियुक्त अध्यापकों की भी इस बाबत ट्रेनिंग कराई जा रही है. स्कूलों में बच्चों की सुविधा के लिए लाइब्रेरी, रींडिंग कॉर्नर और प्रोजेक्टर से पढ़ाई की भी व्यवस्था कराई जा रही है.
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शिक्षकों की कमी भी पूरी की जाएगी
फिलहाल प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी बड़ी समस्या है. इसे पूरा करने के लिए सरकार अगले साल लगभग 50 हजार शिक्षकों की भर्ती करने की बात कह चुकी है. इसके बाद स्कूलों में शिक्षकों की कमी नहीं रहेगी, जबकि इसके अलावा शिक्षामित्र भी मौजूद रहेंगे. ऑपरेशन कायाकल्प के जरिये सरकार की कोशिश है कि स्कूलों में बच्चों के लिए वो माहौल दिया जा सके, जिससे उनकी शिक्षा की गुणवत्ता बढ़े और वे आगे के लिए तैयार हो सकें.
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