नई दिल्ली: बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व वित्‍त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया है. वह 9 अगस्‍त से दिल्‍ली स्थित एम्‍स में भर्ती थे. रविवार दोपहर 12.07 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली. पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि उनका जाना देश और समाज की ऐसी अपूरणीय क्षति है. 


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उन्होंने ट्वीट कर कहा- 'देश के प्रख्यात विधिवेत्ता एवं पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटलीजी के निधन की खबर से स्तब्ध हूं. जेटली जी छात्र जीवन में ही भाजपा से जुड़े, आपातकाल के खिलाफ आवाज मुखर की एवं आजीवन सकारात्मक राजनीति के साथ मां भारती की सेवा करते रहे. 


 



एक अन्य ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा कि अरुण जेटलीजी का जाना देश और समाज की ऐसी अपूरणीय क्षति है जिसकी रिक्तता का अहसास हम लंबे समय तक करते रहेंगे.ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को वे अपने श्री चरणों में स्थान दें और परिजनों को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति दें. ॐ शांति


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कुछ महीनों से लगातार गिर रही थी सेहत
आपको बता दें कि पिछले दिनों अरुण जेटली को एक्‍स्‍ट्राकारपोरल मेंब्रेन ऑक्‍सीजनेशन (ECMO) और इंट्रा ऐरोटिक बैलून (IABP) सपोर्ट पर रखा गया था. पिछले कुछ महीनों में वित्त मंत्री अरुण जेटली की सेहत लगातार गिर रही है. खराब सेहत की वजह से ही उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था और खुद को मोदी कैबिनट-2 में खुद को शामिल न करने के लिए पीएम मोदी को पत्र भी लिखा था. 


मोदी सरकार में रहे संकटमोचक
अरुण जेटली मोदी सरकार के सबसे बड़े संकटमोचक थे. जब-जब मोदी सरकार मुश्किल में आई, वे सामने आए, उन्होंने सरकार का पक्ष मजबूती रखा. लगभग हर बड़े मुद्दे पर सरकार का बचाव किया जेटली को वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था. तब उन्हें उद्योग एवं वाणिज्य और कानून मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया था.