Chamoli News: तराई में भेड़िया तो पहाड़ों में जंगली सुअरों का कहर, खेती-बाड़ी छोड़ भाग रहे लोग
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Chamoli News: तराई में भेड़िया तो पहाड़ों में जंगली सुअरों का कहर, खेती-बाड़ी छोड़ भाग रहे लोग

Uttarakhand News: उत्तर प्रदेश में भेड़िये, बाघ और हाथियों द्वारा मचाया गए आतंक के मामले शांत नहीं हुए हैं. तो वहीं देवभूमि में भी जंगली सुअरों ने अपना कहर मचाना शुरू कर दिया है. पढ़िए पूरी खबर ... 

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Chamoli News/जितेंद्र पंवार: उत्तर प्रदेश में भेड़िये, बाघ और हाथियों द्वारा मचाया गए आतंक के मामले शांत नहीं हुए हैं. तो वहीं देवभूमि में भी जंगली सुअरों ने अपना कहर मचाना शुरू कर दिया है. खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकारें योजनाएं तो बनाती हैं. लेकिन जंगली जानवर ग्रामीणों की मेहनत व सरकारों और विभागों की योजनाओं पर पानी फेर रहे हैं. मामला पोखरी ब्लॉक के जिलासु तहसील के अंदर आने वाले गिरसा गांव का है. यहां जंगली सुअर खेती को नष्ट कर रहे हैं.  लेकिन वन विभाग जंगली जानवरों के इस आतंक को रोकने के लिए नाकाम साबित हो रहा है. 

गांव छोड़ कर जा रहे हैं लोग
जंगली सुअरों द्वारा लगातार की जा रही नष्ट खेती की वजह से ग्रामीणों में खेती पर प्रति मोह भंग होता जा रहा है. इसी कारण सब लोग अब गांव छोड़कर पलायन करने पर विचार कर रहे हैं. गिरसा गांव की महिलाओं ने चेतावनी दी है कि यदि वन विभाग जंगली जानवरों से हमारी खेती को नही बचाएगा. तो सभी महिलाएं जिलाधिकारी चमोली के कार्यालय पर धरना देने के लिए मजबूर हो जाएंगी. इस दौरान पीड़ित ग्रामीण महिलाओं ने वन विभाग व सरकारों को जमकर नारेबाजी की. 

अलग थी पहचान
चमोली जिले के जिलासू तहसील में आने वाले गिरसा गांव के लहलहाते खेत खलिहान पूरे जनपद में अपनी विशेष पहचान से जाने जाते हैं. लेकिन बीते कुछ समय से खेती के प्रति लोगो का मोह भंग होता जा रहा है. इसका मुख्य कारण जंगली जानवरों का आतंक है. इन दिनों गांव के खेतों में मंडुवा, झंगोरा, धान की फसलों को जंगली सुअर बर्बाद कर रहे हैं. जिससे न सिर्फ काश्तकारों की मेहनत बल्कि लोगों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. 

वन विभाग की नाकामी से लोगों में रोष 
ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि हम लोग धूप और बारिश में खेतों में काश्तकारी कर समय लगाते हैं. लेकिन जंगली सुअर सब बर्बाद कर रहे हैं. लेकिन वन विभाग इसको लेकर कोई ठोस योजना नही बना रहा है. ग्रामीण महिला व महिला मंगल दल अध्यक्ष दीपा नेगी ने कहा कि पहाड़ों से पलायन का यह एक मुख्य वजह भी है. पुष्पा देवी ने कहा कि वन विभाग जंगली जानवरों से खेती को बचाने के लिए कोई कार्य नहीं कर रहा है. विभागीय जो भी मुआवजा मिलता है वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. वहीं एक काश्तकार नोमी देवी का कहना है कि अगर सरकार व वन विभाग हमारे खेती में हुए नुकसान का मुआवजा नहीं देगा तो हम जिलाधिकारी कार्यालय में धरने पर बैठ जाएंगे.

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