चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 50 की मौत, श्रद्धालुओं के बढ़ते सैलाब के बीच आप भी न करें ये भूल
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2261804

चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 50 की मौत, श्रद्धालुओं के बढ़ते सैलाब के बीच आप भी न करें ये भूल

Chardham Yatra 2024 : उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की मौत प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है. पिछले साल की यात्रा में ढाई सौ से ज्यादा लोगों की यात्रा के दौरान मौत हो गई थी. वहीं, स्वास्थ्य सचिव का कहना है कि सभी धामों में स्वास्थ्य की उचित व्यवस्था की गई है. 

Chardham Yatra 2024

हेमकान्त नौटियाल/उत्तरकाशी : चारधाम यात्रा में शामिल होने के लिए रिकॉर्ड संख्‍या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. चारधाम यात्रा शुरू हुए 15 दिन हो गए हैं. श्रद्धलुओं की मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. अब तक चारधाम यात्रा पर जाने वाले करीब 50 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. वहीं, यमुनोत्री में सबसे ज्‍यादा 12 तीर्थयात्रियों की हार्ट अटैक से मौत हो गई है. गंगोत्री में भी 3 श्रद्धालुओं की हार्ट अटैक से मौत हो गई. 

सबसे ज्‍यादा मौतें यमुनोत्री में 
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की मौत प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है. पिछले साल की यात्रा में ढाई सौ से ज्यादा लोगों की यात्रा के दौरान मौत हो गई थी. वहीं, स्वास्थ्य सचिव का कहना है कि सभी धामों में स्वास्थ्य की उचित व्यवस्था की गई है. सभी अस्पतालों में डॉक्टर की भी तैनाती की गई है. अतिरिक्त मेडिकल स्टाफ भी जगह-जगह तैनात किया गया है. 

सभी यात्रियों की स्‍क्रीनिंग की जा रही 
उत्तराखंड स्वास्थ्य सचिव का कहना है कि सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है. अब तक 1 लाख 70 हजार से ज्यादा यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. जो यात्री गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं, उन्हें यात्रा में नहीं जाने दिया जा रहा है. 

मेडिकल टीम कर रही चेकअप 
वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी उत्तरकाशी का कहना है कि गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में मेडिकल की टीम लगातार काम कर रही है. तीर्थयात्रियों का स्वास्थ्य चेकअप भी कर रही है. चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालुओं का कहना है कि सबसे ज्यादा खराब व्यवस्था यमुनोत्री धाम में है. यमुनोत्री धाम को जाने वाले पैदल मार्ग में घोड़े खच्चर और डंडी कंडी की वजह से यात्रियों को पैदल यात्रा मार्ग पर आवागमन में दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है.  

महिला यात्रियों को करना पड़ रहा परेशानियों का सामना 
यमुनोत्री में पैदल यात्रा करना इतना जोखिम भरा ही नहीं है. महिला तीर्थयात्रियों का कहना है कि यात्रा पड़ाव पर शौचालय की संख्या काफी कम है और जो शौचालय बने हुए भी हैं वह काफी खराब हैं. तीर्थयात्रियों ने जिला प्रशासन की चारधाम यात्रा पर व्यवस्थाओं को खराब बताया है. 

ऑक्‍सीजन की कमी से हो रही दिक्‍कत  
चारधाम यात्रा में जाने वाले श्रद्धालुओं की मौत के बढ़ते आंकड़े को लेकर दून मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एनएस बिष्ट का कहना है कि हाई एल्टीट्यूड के क्षेत्र में जाने से सांस लेने की समस्या होने लगती है. दूसरी तरफ ब्रेन में सूजन आ जाती है. इससे व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.  ऐसे में सावधानीपूर्वक चढ़ाई करनी चाहिए. 

कुछ दिन रुक कर यात्रा करें 
उन्‍होंने कहा कि यात्रियों को कुछ दिन का स्टे लेकर आगे बढ़ना चाहिए. अगर किसी तरह की कोई बीमारी हो तो उसकी दवा लेकर जानी चाहिए. साथ ही अपने खानपान के पर्याप्त सामग्री रखनी चाहिए. उनका कहना है कि ऑक्सीजन की कमी होने से कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं. 

25 मई को खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट 
सिक्खों के पवित्र तीर्थस्थल श्रीहेमकुंड सहिब के कपाट कल यानी 25 मई को खुलने जा रहा है. इसको लेकर आज शुक्रवार को पंज प्यारे की अगुवाई में पहला जत्था श्रीहेमकुंड साहिब के लिए रवाना हो गया है, जो आज रात्रि घांघरिया पहुंचेगा और कल सुबह की पहली अरदास के लिए श्रीहेमकुंड साहिब पहुंचेगा. 

पिथौरागढ़-मुनस्‍यारी के लिए हेली सेवा बंद 
हल्द्वानी से चम्पावत, पिथौरागढ़ और मुनस्यारी के लिए संचालित होने वाली हेली सेवा के यात्रियों को निराशा हाथ लगी है. 22 फरवरी को हल्द्वानी से पिथौरागढ़ चंपावत और मुनस्यारी के लिए शुरू हुई हेली सेवा अब बंद हो गई है. फिलहाल हेली सेवा संचालित कर रही हेरिटेज एविएशन द्वारा ऑपरेशनल मेंटेनेंस के नाम पर इस सेवा को बंद किया गया है. एसडीएम हल्द्वानी परितोष वर्मा ने बताया कि फिलहाल मेंटेनेंस के लिए इस सेवा को बंद किया गया है. जून में फिर से यह सेवा शुरू की जाएगी. 

यह भी पढ़ें : Chardham Yatra: सिर्फ 15 दिनों में चारधाम यात्रा के टूटे रिकॉर्ड, श्रद्धालुओं के लिए खास इंतजाम
 

Trending news