Kanwar yatra 2024: भाले त्रिशुल पर रोक और डीजे भी होगा बैन, कांवड की ऊंचाई को लेकर भी कड़े नियम
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Kanwar yatra 2024: भाले त्रिशुल पर रोक और डीजे भी होगा बैन, कांवड की ऊंचाई को लेकर भी कड़े नियम

Dehradun News : कांवड यात्रा को लेकर उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देश के 9 राज्यों की पुलिस ने महामंथन किया है. इस दौरान यात्रा में शरारती तत्वों और उपद्रवियों पर खास ध्यान दिया जाएंगा. हालांकि डीजे पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा. 

kanwar yatra 2024

Dehradun : सावन का महीना शुरू होते ही हजारों की तादात में उत्तर भारत के कई राज्यों से कांवडियां उत्तराखंड पहुंचते है. इस पूरी यात्रा का फोकस उत्तराखंड सरकार पर ही होता है. लेकिन देवभूमि के तमाम पड़ोसी राज्य भी इस यात्रा का हिस्सा बनते है. इस बार की कावंड यात्रा में कांवड की ऊंचाई पर खास ध्यान रखा गया है. जिसमें यह कहा गया है कि कोई भी कांवडिया अपनी कांवड को सात फीट से अधिक नहीं रखेगा और डीजे पर भी इस बार नियंत्रण रखा जाएंगा. इसके अलावा व्यवस्था के लिए सोशल मीडिया की निगरानी पर जोर दिया गया है.

शायद यही कारण है कि देहरादून पुलिस मुख्यालय में कांवड यात्रा की तैयारी को लेकर देश के 9 राज्यों की पुलिस ने इस पर महामंथन किया है.  इस दौरान उत्तर प्रदेश, दिल्ली,पंजाब,जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश,राजस्थान और चंडीगढ़ की पुलिस भी इस बैठक में शामिल रही. 

कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से 2 अगस्त तक होनी है. जिसके लिए उत्तराखंड में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. जिसके लिए काफी पहले से ही पुलिस तैयारियों में जुट जाती है. इसमें यात्रा के दौरान कानून व्यवस्था को बनाए रखना, भीड़ प्रबंधन और यातायात प्रबंधन को सुचारू रखना शामिल है. कांवड़ यात्रा के दौरान पिछले 15 से 20 सालों में कांवड़ियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है. इसके लिए कांवड़ क्षेत्र को 15 सुपर जोन, 36 जोन और 130 सेक्टर में बांटा गया है. जिसमें करीब 7 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.

किन-किन बिंदुओं पर हुआ विचार-विमर्श
-कांवड़ियों पर सीसीटीवी और ड्रोन से नजर रखी जाएगी
- यात्रा के दौरान कांवड़ियों को अपना परिचयपत्र साथ रखने, सात फीट से ऊंची कांवड़ न बनाए जाने, रेल की छतों पर यात्रा न करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए.
- आबादी वाले स्थानों, अस्पताल, स्कूलों व वरिष्ठ नागरिकों के आवासों के पास डीजे के प्रयोग पर नियंत्रण रहे
- शिविरों में काम करने वाले लोगों का सत्यापन किया जाएगा
- चिड़ियापुर बैरियर, नारसन चेकपोस्ट, लखनौता चेकपोस्ट, काली नदी बैरियर व गोवर्धन चेकपोस्ट पर संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों की सीमावर्ती प्रदेशों के साथ संयुक्त चेकिंग की जाए

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