ट्रैक्टर रैली हंगामे पर बोली दिल्ली पुलिस- घायल हुए 394 पुलिसकर्मी, कई ICU में
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ट्रैक्टर रैली हंगामे पर बोली दिल्ली पुलिस- घायल हुए 394 पुलिसकर्मी, कई ICU में

गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए हंगामे को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने प्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने बताया कि 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. जिनमें से कुछ ICU में भी हैं. 

दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए हंगामे को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने प्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने बताया कि हिंसा के दौरान 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. जिनमें से कुछ ICU में भी हैं. उन्होंने बताया कि कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है. जल्द ही उनकी गिरफ्तारी होगी. 

दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव ने कहा," 2 जनवरी को दिल्ली पुलिस को पता चला कि किसान 26 को ट्रैक्टर रैली करने जा रहे हैं. जिसके बाद हमने किसानों से 5 राउंड बातचीत की और कई बार फोन पर बात हुई. हमने कहा था कि 26 जनवरी को ऐसा न करें. हमने किसानों से कहा कि कुंडली, मानेसर, पलवल पर ट्रैक्टर मार्च निकालें लेकिन किसान दिल्ली में ही ट्रैक्टर रैली निकालने पर अडिग रहे."

तय किये गए थे रूट
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि रैली के लिए रूट तय हुआ था. सिंघु बॉर्डर रूट- कुल 63 किमी, टीकरी बॉर्डर रूट- कुल 74 किमी, गाजीपुर बॉर्डर रूट- कुल 46 किमी तय हुआ. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तय हुआ कि किसान ट्रैक्टर रैली 12 बजे से 5 बजे तक ही निकालें. किसान लीडर लीड करें. हर एक जत्थे के साथ उनके लीडर चलें. इसके अलावा 5 हजार से ज्यादा ट्रैक्टर न हों. हथियार न लाएं ताकि ट्रैक्टर परेड शांतिपूर्ण हो.

394 पुलिसकर्मी हुए घायल 
उन्होंने आगे कहा,"किसानों ने कल पुलिस के जरिए दिए गए दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए पुलिस बैरिकेड तोड़कर हिंसक घटनाएं कीं. कुल मिलाकर 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और कुछ पुलिसकर्मी ICU में भी है." उन्होंने आगे कहा कि हम दिल्ली में गैर-क़ानूनी तरीके से किए गए आंदोलन व उस दौरान हिंसा और लाल किले पर फहराए गए झंडे को बड़ी गंभीरता से ले रहे हैं. हिंसा करने वालों की वीडियो हमारे पास है, विश्लेषण हो रहा है.

राजेश टिकैत के साथ मौजूद किसानों ने की हिंसा
गाजीपुर में किसान नेता राकेश टिकैत के साथ जो किसान मौजूद थे, उन्होंने भी हिंसा की घटना को अंजाम दिया और आगे बढ़कर अक्षरधाम गए. हालांकि पुलिस द्वारा कुछ किसानों को वापस भेजा गया. लेकिन कुछ किसानों ने पुलिस बैरिकेड तोड़े और लाल किले पहुंचे. 

25 से ज्यादा मामले हुए दर्ज
अराजक तत्वों की पहचान की जा रही है. सभी की गिरफ़्तारियां की जाएंगी. उन्होंने बताया कि अब तक 25 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. कोई भी अपराधी जिसकी पहचान होती है, उसे छोड़ा नहीं जाएगा. जो किसान नेता इसमें शामिल हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 

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