यूपी पुलिस के लिए साल 2019 होगा 'प्रशिक्षण वर्ष' होगा: डीजीपी ओपी सिंह
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यूपी पुलिस के लिए साल 2019 होगा 'प्रशिक्षण वर्ष' होगा: डीजीपी ओपी सिंह

डीजीपी ने कहा कि प्रदेश में पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण के लिए स्थानों की कमी है. अभी एक बार में केवल 6000 को ही प्रशिक्षण दे पाते है. इसे दोगुना कर 12 हजार करने जा रहे हैं. 

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह की फाइल फोटो.

मथुरा: उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने शुक्रवार (30 नवंबर) को मथुरा में कहा कि अगला वर्ष उनके विभाग के लिए प्रशिक्षण वर्ष होगा और 2019 में कुल 95 हजार जवानों को प्रशिक्षण देकर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अन्य पुलिसकर्मियों को भी तकनीक के मामले में प्रशिक्षित कर संपूर्ण पुलिस बल को हर प्रकार के अपराध और हर प्रकार की विषम परिस्थिति से निपटने में सक्षम बनाने का प्रयास किया जाएगा.

यहां पुलिस लाइन्स में सात करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित 200 बैरकों की क्षमता वाले चारमंजिला भवन का लोकार्पण करने आए सिंह ने स्थानीय पुलिस मॉडर्न पब्लिक स्कूल के पुनरुद्धार कार्य के शुभारम्भ के लिए आधारशिला भी रखी.

वर्तमान सरकार में राज्य पुलिस और पुलिसिंग में किए गए बड़े बदलावों की जानकारी देते हुए डीजीपी ने कहा कि पिछले डेढ़ वर्ष में अपराध और अपराधियों का बड़े पैमाने पर खात्मा किया गया. हर प्रकार के संगठित अपराधों पर काबू पाया. फिर चाहे वह लखनऊ, कानपुर, मेरठ, वाराणसी हो अथवा गोरखपुर, इलाहाबाद या कोई अन्य शहर, सभी जगह अपराधों में उल्लेखनीय कमी लाई गई. उन्होंने दावा किया कि बेहतर निगरानी के भरोसे 2018 के सभी त्यौहार निर्विघ्न संपन्न कराए गए.

उन्होंने कहा कि हमने एसटीएफ को सुदृढ़ किया है, जिसने प्रदेश में तमाम सनसनीखेज अपराधों पर काबू पाया. उसके हाथों कई मॉड्यूल्स पकड़े गए हैं. उन्हें अब देश के बेहतरीन संस्थानों आईआईटी कानपुर, बिट्स पिलानी, इण्डियाना विवि तथा इसरो से प्रशिक्षण दिलाकर पुलिस के प्रौद्योगिकी संसाधनों की वृद्धि की जाएगी.

डीजीपी ने कहा कि प्रदेश में पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण के लिए स्थानों की कमी है. अभी एक बार में केवल 6000 को ही प्रशिक्षण दे पाते है. इसे दोगुना कर 12 हजार करने जा रहे हैं. इसलिए जल्द ही जालौन व सुल्तानपुर में दो नए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे. जिनका उद्घाटन स्वयं मुख्यमंत्री करेंगे.

साइबर अपराधों पर रोकथाम के लिए किए गए उपायों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि प्रदेश में साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए नोएडा व लखनऊ में दो नए थाने स्थापित किए जा रहे हैं. जो लंबित चल रहे 4000 मामलों को निपटाने में मदद करेंगे. राजधानी में एक साइबर लैब बनाने जा रहे हैं. जो अत्याधुनिक स्तर की होगी. यह प्रयोगशाला अगले एक-डेढ़ माह में बनकर तैयार हो जाएगी.

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