याचिकाकर्ता ने 2005 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई को मुलायम, अखिलेश, उनकी पत्नी डिंपल यादव और प्रतीक यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत केस चलाने का निर्देश देने की मांग की थी.
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नई दिल्ली: आय से अधिक संपत्ति मामले में यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव के खिलाफ अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ राजनीतिक कार्यकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी की याचिका पर सुनवाई करेगी. दरअसल, अर्जी में सीबीआई को अदालत में अपनी जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने की मांग की गई है. आपको बता दें कि याचिकाकर्ता ने 2005 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई को मुलायम, अखिलेश, उनकी पत्नी डिंपल यादव और प्रतीक यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत केस चलाने का निर्देश देने की मांग की थी.
इन सभी खिलाफ अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति बनाने का आरोप लगाया था.सुप्रीम कोर्ट ने एक मार्च 2007 को सीबीआई को आरोपों की जांच करने और यह पता लगाने के लिए कहा था कि याचिका में सपा नेताओं के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप सही हैं या नहीं. बाद में 2012 में कोर्ट ने मुलायम सिंह, अखिलेश और प्रतीक की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच का आदेश दिया था जिसके खिलाफ तीनों ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी, हालांकि कोर्ट ने डिंपल यादव की याचिका मंजूर कर ली थी और सीबीआई को उनके खिलाफ जांच रोकने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि वह कोई सार्वजनिक पद पर नहीं हैं.कोर्ट ने एक मार्च 2007 के आदेश में भी संशोधन किया था और जांच एजेंसी से कोर्ट में स्थिति रिपोर्ट दायर करने को कहा था.