बाघों को खदेड़ देने वाली 86 साल की हथिनी 'पुष्पकली' का निधन
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बाघों को खदेड़ देने वाली 86 साल की हथिनी 'पुष्पकली' का निधन

दुधवा नेशनल पार्क में तीन दशक से रह रही 86 साल की हथिनी 'पुष्पकली' का सोमवार को निधन हो गया.

पुष्पकली का निधन (प्रतीकात्मक तस्वीर)

लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश): दुधवा नेशनल पार्क में तीन दशक से रह रही 86 साल की हथिनी 'पुष्पकली' का सोमवार को निधन हो गया. दुधवा नेशनल पार्क के उप निदेशक महावीर कौजालगी ने इस बारे में मीडिया को बताया कि पुष्पकली ने लंबी बीमारी के बाद कल दम तोड़ दिया. पुष्पकली पिछले तीस साल से पार्क में पर्यटकों की सेवा के साथ जंगल के अन्य कामों में लगी हुई थी.

  1. दुधवा नेशनल पार्क की 86 साल की हथिनी का निधन
  2. पिछले काफी दिनों से बीमार चल रही थी हथिनी पुष्पकली
  3. साल 1986 में दुधवा नेशनल पार्क में आई थी पुष्पकली

उन्होंने कहा, ‘‘पुष्पकली की आयु ज्यादा हो गयी थी और वह बढ़ती उम्र से होने वाली बीमारियों से पीड़ित थी. उसका लगातार इलाज चल रहा था, लेकिन पिछले कुछ दिनों से वह कुछ खा नहीं पा रही थी.’’ इलाज के बावजूद उसकी सेहत में कोई सुधार नहीं आया और कल उसकी मृत्यु हो गई.

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उन्होंने बताया कि 1986 में पुष्पकली दुधवा नेशनल पार्क के हाथियों के परिवार में शामिल हुई. उसने दुधवा में पर्यटन के अलावा गश्त का काम भी किया. उसने लखनऊ के रहमान खेड़ा में एक बाघ को पकड़ने सहित कई बाघ अभियानों में हिस्सा लिया है.

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साल 2011 में शाहजहांपुर के खुटार रेंज में आक्रामक हुए बाघ ने ऑपरेशन के दौरान पुष्पकली पर हमला कर दिया था, जिससे उसके कान के पास से काफी खून बहा था. बावजूद इसके पुष्पकली लगातार मोर्चे पर डटी रही और बाघ भाग निकला. उस समय बाघ चकमा देकर फर्रूखाबाद निकल गया था, जहां उसे ट्रैंकुलाइज कर पकड़ लिया गया था.

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