पवन सेंगर/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. खनन घोटाले को लेकर बीते दिन प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गायत्री के घर पर छापेमारी की. ईडी ने करीब Gayatri Prajapati के सात ठिकानों पर छापेमारी की. 


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सबसे ज्यादा बेनामी संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज
छापेमारी के दौरान ईडी (ED) को सबसे अधिक बेनामी संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज मिले. छापेमारी में जो दस्तावेज मिले हैं, उनसे पता चलता है गायत्री प्रजापति की छह से ज्यादा शहरों में संपत्ति है. दावा है कि ये सारी संपत्ति खनन की कमाई से बनाई गई है.


परिवार के सदस्यों के नाम पर कई शहरों में संपत्तियां 
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापामारी में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके परिवार के नाम से लखनऊ, अमेठी, सुल्तानपुर, कानपुर, सीतापुर, रायबरेली और मुंबई में करीब 38 करोड़ रुपये की संपत्तियां सामने आईं. इनमें कई संपत्तियां बेनामी भी हैं. निदेशालय इन संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी में है.


ईडी ने 7 ठिकानों पर मारा छापा
बता दें कि  ईडी ने बुधवार को गायत्री के लखनऊ, अमेठी और कानपुर के सात ठिकानों पर छापा मारा. ईडी के अफसरों ने गुरुवार को बताया कि 100 से अधिक रजिस्ट्रियां बरामद हुई. 80 संपत्तियों की जानकारी दी गई. इनमें 44 बेनामी हैं. बाकी की संपत्तियां गायत्री के परिवार के सदस्यों और उसकी कंपनियों के नाम से हैं. सिर्फ मुंबई में ही परिवार के सदस्यों के नाम से चार विला हैं. हर विला की कीमत ढाई करोड़ रुपये बताई जा रही है. निदेशालय के अनुसार बेनामी संपत्तियां जिनके नाम पर हैं, उन्हें चिह्नित कर पूछताछ की जाएगी.


सपा राज में हुआ था घोटाला
बता दें कि यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति अभी रेप के मामले में जेल में बंद हैं. साथ ही खनन के पट्टों के आवंटन मे धांधली के आरोप में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई की जांच भी चल रही है. इस जांच के सिलसिले में गायत्री प्रजापति और उनके करीबियों पर कई बार छापेमारी हो चुकी है.


ये है पूरा मामला?


गायत्री प्रसाद प्रजापति समाजवादी (SP) सरकार में खनन मंत्री थे. लेकिन राज्य में बीजेपी सरकार आने के बाद अवैध खनन (Illegal Mining) का मामला जांच के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) को सौंपा गया. प्रजापति पर आरोप था कि साल 2012 से 2016 के दौरान फतेहपुर जिले में खनन के लाइसेंस सरकारी अधिकारियों और प्राइवेट लोगों से मिल कर बिना किसी तय मानक और ई-टेंडरिग के जारी कर दिए गए. इससे सरकार को नुकसान हुआ और गायत्री प्रजापति ने अवैध संपत्तियां बनाई. इसी के बाद ED ने मनी लॉड्रिंग (Money Laundering) का मामला दर्ज कर जांच शुरू की. जांच में ED ने पाया कि 2012 से 2016 के दौरान मंत्री रहते हुए गायत्री प्रजापति की संपति में काफी इजाफा हुआ.


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