केंद्र सरकार ने इस बार अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में 50 फीसद अंकों की अनिवार्यता कम कर दी है. यानी 50 फीसद से कम नंबर लाने वाले स्टूडेंट को भी इस बार छात्रवृत्ति (Scholarship) मिल सकेगी.
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पवन सेंगर/लखनऊ: कोरोना संक्रमण के चलते बाधित हुई पढ़ाई को देखते हुए केंद्र सरकार (Central Government) ने इस बार अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में 50 फीसद अंकों की अनिवार्यता कम कर दी है. यानी 50 फीसद से कम नंबर लाने वाले स्टूडेंट को भी इस बार छात्रवृत्ति (Scholarship) मिल सकेगी.
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50 फीसद अंकों की बाध्यता थी
अभी तक स्कॉलरशिप आवेदन के लिए 50 फीसद अंक अनिवार्य थे. नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर आवेद की आखिरी तारीख भी बढ़ा दी गई है. ये तारीख 20 जनवरी तक कर दी गई है.
बता दें कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यक गरीब स्टूडेंट के लिए पूर्व दशम और दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना (10th and post-matric scholarship scheme) संचालित करती है. अभी तक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन के साथ ही रिन्युअल में भी पचास फीसद की बाध्यता थी. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण कई बोर्ड और यूनिवर्सिटिज ने बगैर एग्जाम कराए ही छात्र-छात्राओं को प्रोन्नत कर दिया. इन छात्रों को नंबर नहीं दिए गए. ऐसे में छात्रवृत्ति के आवेदन में अंकों की बाध्यता आगे आ रही थी.
प्रदेश सरकार ने केंद्र के सामने रखा प्रस्ताव
इस परेशानी को राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के सामने रखा. केंद्र सरकार ने अब अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में 50 फीसद अंकों की बाध्यता खत्म कर दी. बता दें कि ये नियम केवल इस साल के लिए ही है. पूर्व दशम और दशमोत्तर छात्रवृत्ति में इस नियम को लागू कर दिया गया है. साथ ही राज्य सरकार से ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट के आवेदन पत्र भरवाने के लिए कहा गया है. गौरतलब हो की इस योजना में व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति (Scholarship) दी जाती है.
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