आगरा के पारस हॉस्पिटल से कोरोना के 23 मामले सामने आए हैं. पारस हॉस्पिटल के संचालकों पर आरोप है कि इनकी लापरवाही से अब तक दो दर्जन के करीब लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और बहुत से लोग संदेह के घेरे में हैं.
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आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में कोरोना हॉटस्पॉट बने पारस हॉस्पिटल के डायरेक्टर और मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई की गई है. आगरा पुलिस ने पारस हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉक्टर अरिंजॉय जैन और मैनेजर एसपी यादव के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 269, 270, 188 और 271 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है. आपको बता दें कि आगरा इस समय उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा कोरोना हॉटस्पॉट है. यूपी में कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक मामने आगरा से ही हैं.
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पारस हॉस्पिटल ने प्रशासन से बोला झूठ
पारस हॉस्पिटल से कोरोना के 23 मामले सामने आए हैं. पारस हॉस्पिटल के संचालकों पर आरोप है कि इनकी लापरवाही से अब तक दो दर्जन के करीब लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और बहुत से लोग संदेह के घेरे में हैं. दरअसल पारस हॉस्पिटल में एक महिला मरीज का इलाज किया गया था. बाद में उस महिला को मथुरा हॉस्पिटल भेजा गया. मथुरा में महिला की जांच की गई तो वह कोरोना संक्रमित निकली. आरोप है कि पारस हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने इसके बाद प्रशासन से अपने यहां भर्ती मरीजों की संख्या को लेकर झूठ बोला.
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जानें क्या था पारस हॉस्पिटल का मामला?
इस महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद आगरा के पारस हॉस्पिटल को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया. जब प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने पारस हॉस्पिटल मैनेजमेंट से उनके यहां भर्ती सभी मरीजों का विवरण मांगा तो आरोप है कि संचालक और स्टाफ ने उन्हें गुमराह किया. पारस हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने आगरा प्रशासन से पहले अपने यहां भर्ती मरीजों की संख्या 57 बताई थी, फिर 73 बताई. प्रशासन ने जब अस्पताल खाली कराया तो वहां 220 मरीज निकले. इसके बार जब सभी मरीजों और उनके कॉन्टैक्ट्स की जांच कराई गई तो 23 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई.
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