15 दिसंबर को कैंपस में हुई हिंसा और पुलिस की तरफ से हुई कार्रवाई के खिलाफ 23 दिसंबर को एएमयू (AMU) के शिक्षको और छात्रों ने चुंगी गेट से बाबे सय्यद गेट तक कैंडल मार्च निकाला था.
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लोकेंद्र त्यागी/अलीगढ़: अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के 1200 छात्रों को प्रशासन की ओर से बड़ी राहत मिली है. दरअसल, यूनिवर्सिटी के 1200 छात्रों पर धारा 144 के उल्लंघन और बिना परमीशन कैंडल मार्च निकालने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी.वहीं, इस मामले में अलीगढ़ एसएसपी (SSP) आकाश कुलहरि के निर्देश के बाद अब इन छात्रों पर दर्ज एफआईआर (FIR) हटा ली गई है.
23 दिसंबर को निकला था कैंडल मार्च
15 दिसंबर को कैंपस में हुई हिंसा और पुलिस की तरफ से हुई कार्रवाई के खिलाफ 23 दिसंबर को एएमयू (AMU) के शिक्षको और छात्रों ने चुंगी गेट से बाबे सय्यद गेट तक कैंडल मार्च निकाला था. इस दौरान राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन एसीएम को सौंपा गया. जिसमें छात्रों ने CAA का विरोध किया था. साथ ही पुलिस पर छात्रों के साथ बर्बरता का आरोप लगाते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की थी. जिले में लागू धारा 144 और कैंडल मार्च की परमीशन ना होने के कारण पुलिस ने 1200 लोगों पर केस दर्ज किया था.
एसएसपी से शिक्षक और छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने की थी मुलाकात
छात्रों पर दर्ज एफआईआर को लेकर शिक्षक और छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने एसएसपी आकाश कुलहरि से मिलकर मुकदमा वापस लेने की मांग की थी. इस मुलाकात में प्रतिनिधिमंडल ने एसएसपी को बताया था कि कैंडल मार्च शांति के साथ कैंपस में ही निकाला गया था. जिसके बाद एसएसपी ने ये भरोसा दिया था कि जांच में अगर सब कुछ शांतिपूर्वक पाया गया तो, केस वापस ले लिया जाएगा. एसएसपी ने इसके लिए सीओ तृतीय अनिल समानिया से रिपोर्ट तलब की थी. सब कुछ सामान्य पाए जाने के बाद अब केस वापस ले लिए गए हैं.
15 दिसंबर को कैंपस में हुई थी हिंसा
15 दिसंबर को यूनिवर्सिटी कैंपस में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी के खिलाफ छात्रों ने अपना विरोध दर्ज कराया था. इस दौरान यहां हिंसा भड़क गई थी. इसमें कई छात्र गंभीर रूप से घायल भी हो गए थे. इस दौरान पुलिस ने हालात सामान्य करने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल भी किया था. पुलिस ने 15 दिसंबर को हुई इस हिंसा में 10000 अज्ञात छात्रों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं. वहीं AMU के शिक्षक संघ ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए न्यायिक जांच कराने की मांग की है. शिक्षक संघ ने पुलिस पर छात्रों पर झूठे मामले दर्ज करने का आरोप भी लगाया है.