टीम इंडिया के फुटबॉलर मुजफ्फरनगर के एक बेहद गरीब परिवार से आते हैं. उन्हें टीम इंडिया का मेसी कहा जाता है.
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मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर के भोपा थाना क्षेत्र के फुटबॉल खिलाड़ी नीशू को नेशनल टीम में शामिल किया गया है. नीशू भारतीय टीम में डिफेंडर के रूप में खेलते हैं. इसके अलावा वे राइट बैक और लेफ्ट बैक दोनों तरफ से अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं. नेशनल टीम में नीशू के सलेक्शन के बाद परिवार के लोग काफी खुश हैं. परिजनों का कहना है कि नीशू ने नेशनल टीम में शामिल होकर जनपद और प्रदेश का नाम रोशन किया है. यह दुखद है कि नेशनल टीम के लिए खेलने के बावजूद आसपास के लोगों को भी उनकी उपलब्धियों के बारे में कुछ पता नहीं है.
हालात से लड़कर बनाई अपनी पहचान
गरीबी और असुविधाओं के बावजूद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने से परिजन काफी खुश हैं. उनके चेहरे पर बेटे के लिए गर्व जरूर देखा जा सकता है. नीशू बहुत ही गरीब परिवार से संबंध रखते हैं. उनका परिवार आज भी असुविधाओं में जीवन व्यतित कर रहा है. नीशू केवल 21 साल के हैं. उनका परिवार करीब 50 साल पहले नेपाल से यहां आकर बस गया था. नीशू के पापा मंगल बहादुर जनता इंटर कॉलेज में चपरासी थे.
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2010 में चंडीगढ़ एकेडमी की तरफ से खेलना शुरू किया
नीशू के घरवाले बताते हैं कि उसे बचपन से ही फुटबॉल खेलने का शौक था. नेशनल टीम में शामिल होने के लिए उसने बहुत मेहनत की है. नीशू ने 2009 में चंडीगढ़ फुटबॉल एकेडमी से अपने करियर की शुरुआत की. 2010 में चंडीगढ़ एकेडमी की तरफ से उन्होंने पहली बार विदेश का दौरा किया. उन्होंने एकेडमी टीम के कप्तान के रूप में प्रतिनिधित्व किया.
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2017 में हुआ नेशनल टीम में सलेक्शन
वे भारत की अंडर 15 और अंडर 16 टीम का सदस्य रहकर विश्व के कई देशों में फुटबॉल खेल चुके हैं. उन्होंने इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, जापान, यूरोप, खाड़ी और रशियन देशों में भी फुटबॉल खेला है. 2017 में नीशू का चयन नेशनल टीम में हुआ, लेकिन क्रिकेट के प्रभाव के चलते क्षेत्रवासी भी नहीं जानते हैं कि उनके गांव का बेटा नेशनल फुटबॉल टीम का हिस्सा है.