free ration fraud UP: गरीबों के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ हजारों लाखों रुपये का इनकम टैक्स भरने वाले आयकरदाता ले रहे हैं. ऐसे हजारों कार्डधारकों की पोलपट्टी खुली तो हड़कंप मच गया.
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राजकुमार दीक्षित/सीतापुर: यूपी के सीतापुर में गरीबों के लिए चलाई जा रही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ हजारों लाखों रुपये का इनकम टैक्स भरने वाले आयकरदाता ले रहे हैं. इनकम टैक्स पेयर्स यह मुफ्त राशन योजना का लाभ बीते चार वर्षों से ले रहे हैं. ऐसे हजारों कार्डधारकों की पोलपट्टी खुली तो हड़कंप मच गया.
मुफ्तखोरी में खेती कर कमाई करने वाले भी पीछे नहीं हैं. ऐसे लोगों की जिले में 23429 संख्या है जो अपने खेतो में गेंहू व धान की पैदावार करके सरकारी क्रय केंद्रों पर बेचते हैं, बावजूद इसके झोला लेकर सस्ते गल्ले की दुकान पर बोरी लेकर राशन के लिए लाइन में लगकर खड़े रहते हैं.
पति का राशन ले रहीं विधवाएं
इस खुलासे में यह सामने आया है कि सीतापुर में 5333 आयकर दाता मुफ्त राशन ले रहे हैं. इन सभी को प्रति यूनिट पांच किलोग्राम गेंहू व चावल प्रतिमाह मिल रहा है. जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें जिले की करीब 6189 विधवा महिलाएं हैं, जिन्हे पेंशन मिल रही है वह भी अपने पति के हिस्से का राशन ले रही है.
जांच में हुआ खुलासा
यह खुलासा आयुक्त खाद्य एवम रसद विभाग की जांच में हुआ है. जिसकी शासन के निर्देश पर जांच कराई गई थी. जिले में करीब साढ़े सात लाख पात्र गृहस्थी कार्ड हैं. जिसमें तमाम लोगों ने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों से साठ गांठ करके अपने कार्ड बनवा लिए हैं, जोकि पात्रता की शर्ते नहीं पूरी करते हैं.
क्या बोले जिला पूर्ति अधिकारी?
इस पूरे मामले को लेकर जिला पूर्ति अधिकारी अखिलेश श्रीवास्तव का कहना है कि शासन की ओर से मिली संभावित अपार्टरों की सूची की जांच के आदेश डीएनए दिए हैं. आयकर दाताओं की जांच पूर्ति निरीक्षक करेंगे, खेती करने वालों की जांच एसडीएम की ओर से कराई जाएगी, जबकि पेंशन का लाभ लेने वाली महिलाओं की जांच विकास विभाग की ओर से कराई जाएगी. संयुक्त रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी, उसके बाद अपात्र लोगों के नाम बने राशन कार्ड से हटाए जाएंगे.
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