2 महीने पहले आरोपी युवक ने घर में घुसकर उनकी बेटी से छेड़छाड़ की कोशिश की. एक बार फिर जब दोनों पक्षों के बीच आपसी कहासुनी और गाली-गलौज हुई तो पीड़ित पक्ष शिकायत करने के लिए पुलिस के पास पहुंचा. इस पर पुलिस ने उन्हें बिठाए तो रखा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की.
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गाजियाबाद: यूपी के गाजियाबाद में ईव टीजिंग की बढ़ती घटनाएं किसी से छिपी नहीं हैं. लेकिन छेड़छाड़ का विरोध करने पर जो दबंगई चल रही है, वो चिंताजनक है. ताजा मामला गाजियाबाद के ताना लोनी की सेवा धाम चौकी का है. यहां शांति विहार कॉलोनी में युवती से छेड़छाड़ को लेकर दो पक्षों में जमकर हंगामा हुआ और 8 लोग जख्मी हो गए.
युवती से छेड़छाड़ को लेकर हुआ विवाद
दोनों पक्षों के बीच पिछले कुछ दिनों से लड़की के साथ छेड़छाड़ करने को लेकर आपसी विवाद था. पीड़ित परिवार ने बताया लगभग 2 महीने पहले आरोपी युवक ने घर में घुसकर उनकी बेटी से छेड़छाड़ की कोशिश की. जब युवती ने शोर मचा दिया तो आरोपी को युवती के परिजनों और पड़ोसियों ने कमरे में बंद कर दिया.
शिकायत के बाद भी पुलिस ने कुछ नहीं किया
इस मामले की शिकायत सेवा धाम चौकी पर दी गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. यहां तक कि आरोपी युवक के परिजनों ने पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाकर समझौता भी करा लिया. हालांकि समझौते के बाद भी दोनों पक्ष आमने-सामने आते रहे.
पीड़ित पक्ष फिर शिकायत करने पहुंचा, तो आरोपी ने मारा
एक बार फिर जब दोनों पक्षों के बीच आपसी कहासुनी और गाली-गलौज हुई तो पीड़ित पक्ष शिकायत करने के लिए पुलिस के पास पहुंचा. इस पर पुलिस ने उन्हें बिठाए तो रखा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की. जब शाम को वे घर पहुंचे तो आरोपी पक्ष पीड़ित परिवार के घर में घुस आया और लाठी-डंडे, चाकू से वार किया. पीड़ित परिवार का कहना है कि घर की महिलाओं पर भी हमला किया गया.
जब घटना की सूचना पुलिस को दी गई तो उन्होंने घायलों को अस्पताल में भर्ती करा दिया. अगर यही मुस्तैदी पुलिस ने पहले दिखाई होती तो ये घटना ही नहीं होती.
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छेड़छाड़ के विरोध में ही जा चुकी है पत्रकार की जान
गाजियाबाद में ही एक पत्रकार विक्रम जोशी की जान छेड़छाड़ के विरोध में चली गई थी. अपनी भांजी से छेड़खानी करने वालों के विरुद्ध केस दर्ज कराने के बाद आरोपियों ने उन्हें सरेराह गोली मार दी थी. उस वक्त उनके साथ उनकी दो बेटियां भी मौजूद थीं. पत्रकार की मौत के बाद ईव टीजिंग का मामला खूब गर्माया था लेकिन गाजियाबाद पुलिस अब भी इसे लेकर लचर रवैया ही दिखाती नजर आ रही है.
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