कुछ समय बाद संजय ने अपने दोस्त हर्ष को कोरियर में लगा दिया और खुद नौकरी छोड़ दी. अब हर्ष का काम था एटीएम डिलीवर करना. और संजय और कुलदीप मिलकर जालसाजी करते थे.
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गाजियाबाद: ATM के इस्तेमाल से हमें आसानी तो हुई ही है, लेकिन इससे फ्रॉड के केसेस भी बढ़ रहे हैं. क्रिमिनल्स के लिए क्राइम करना भी आसान होता जा रहा है. आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आपके आस-पास ऐसे फ्रॉड लोग हो सकते हैं जो आपके ATM को आपसे बिना लिए भी आपका बैंक अकाउंट खाली कर सकते हैं.
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45 कार्ड और 10 लाख रुपये बरामद
ऐसा ही एक मामला यूपी के गाजियाबाद से सामने आया है, जहां पुलिस ने ऐसे ही एक गैंग को धर दबोचा है. यहां पर STF ने ऐसे जालसाजों को पकड़ा है, जिनके पास से 45 एटीएम कार्ड और 10 लाख रुपये कैश बरामद हुए हैं. बताया जा रहा है कि आरोपियों में से एक 12वीं पास है और दूसरा कोरियर बॉय.
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एक हफ्ते में 12 केस दर्ज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंदिरापुरम पुलिस को एक हफ्ते में करीब 12 शिकायतें मिली हैं, जिनमें उनके बैंक से पैसे निकलने की बात कही गई है. अब इसकी इन्वेस्टिगेशन साइबर क्राइम सेल को दे दी गई है. साइबर सेल को भी मामला अजीब लगा, जिसके बाद STF को इसमें लगाया गया. बीते शनिवार ही पुलिस ने संजय यादव और हर्ष शर्मा नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
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बड़े बदमाश से हुई थी संजय की मुलाकात
पुलिस ने मीडिया को जानकारी दी है कि आरोपी संजय यादव केवल 12वीं पास है और ब्लूडार्ट में नौकरी करता है. कुछ समय पहले कुलदीप नारायण नाम के आदमी से संजय की मुलाकात हुई. कुलदीप एटीएम कार्ड के जरिए धोखाधड़ी करने की प्लानिंग कर रहा था. ऐसे में संजय भी उसके साथ हो लिया. अब कोरियर कंपनी से जितने भी एटीएम कार्ड ग्राहकों के लिए आते थे, उन्हें डिलीवर न कर के संजय कुलदीप के पास ले जाता था. इसके बाद कुलदीप उन कार्ड से ओरिजिनल चिप निकालकर नकली लगा देता था.
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स्पूफ कॉल कर निकालते थे कस्टमर डिटेल
पैकेज पर हमेशा कस्टमर का नंबर भी लिखा होता है. दोनों शातिर बदमाश ग्राहक का नंबर लेकर स्पूफिंग कॉल करते थे और बैंक से कॉन्टैक्ट करते थे. यह जरिया आसान था, क्योंकि न कस्टमर के नंबर पर OTP जाता था और न ही उस कॉल को कोई ट्रेस कर सकता था. इसके बाद बैंक से जैसे ही कस्टमर की डिटेल मिलती थीं, संजय तुरंत उनका इस्तेमाल कर बेंक से पैसे निकाल लेता था.
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बैंकों को दी जा रही है सूचना
कुछ समय बाद संजय ने अपने दोस्त हर्ष को कोरियर में लगा दिया और खुद नौकरी छोड़ दी. अब हर्ष का काम था एटीएम डिलीवर करना. और संजय और कुलदीप मिलकर जालसाजी करते थे. STF का कहना है कि ये जालसाजी का नया तरीका है. सभी बैंकों को इसके बारे में सूचित किया जा रहा है.
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